पाकिस्तान को फ्रांस का विरोध करना पड़ा भारी : मिराज़ सहित तमाम आयुध अस्त्र को लग जाएगी जंग

फ्रांस में एक शिक्षक को मुग़ल जेहादी द्वारा क़त्ल करने जैसे नृशंस अपराध के बाद फ्रांस मुगलों ,जेहादियों चरमपंथियों के विरूद्ध पूरी कठोरता से उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाने में लग गया और चुन चुन कर उनका सफाया करने लगा। मस्जिद और मदरसों पर कार्रवाई करते हुए उनपर ताला लगा कर मुगल मौलवियों को देश से बाहर भगाने का काम शुरू हो गया।
इससे बुरी तरह बौखला कर मुगलों के ताज़ा ताज़ा हुए अब्बा खलीफा तुर्की ने फ्रांस के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया और अपनी आदत तथा तुर्की से मिलने वाले खैरात का हक़ अदा करने के लिहाज़ से “बेगानी शादी में अब्दुल्ला फिर से दीवाना हो गया ” और पाकिस्तान में बैठे तमाम जेहादी फौरन ही बिलबिला कर अपने बुर्के से बाहर आ गए।
अली हास्नान जिसने पेरिस में चार्ली हेब्दो प्रकरण से नाराज़ होकर दो व्यक्तियों का गला रेत कर उनकी ह्त्या कर दी थी , इस अपराध के लिए उसके पाकिस्तानी पिता ने इसे बहुत बड़ा साहसिक कारनामा करार दिया था।
कोई फ्रांस को परमाणु बम से उड़ा देने की धमकी दे रहा था तो कोई फ्रांस के सामानों के बहिष्कार का आंदोलन चला रहा था। इमरान खान सहित उनके मंत्री इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुए पाकिस्तानी मुगलों को इसके लिए उकसा और भड़का रहे थे।
अब जवाब देने की बारी फ़्रांस की थी , फ्रांस ने पाकिस्तानी फ़ौज को दिए मिराज लड़ाकू विमानों सहित तमाम आयुध अस्त्रों की नवीनीकरण के काम , उनमे उन्नत हाथियारों के समावेश का सारा कार्य करने से साफ़ इंकार कर दिया है।
@ImranKhanPTI and #Pakistan abused @EmmanuelMacron and wanted to boycott #French goods. Now #France boycotted upgrades to #Mirage fighter jets, air defence system and Agosta 90B class submarines used by Pak, Pakis prohibited to work on #Rafales of #Qatar
— Giridhar Mamidi (@GiridharMamidi) November 20, 2020
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इतना ही नहीं फ्रांस ने क़तर ,जिसे राफेल विमान की आपूर्ति की गई थी उसे भी सख्त हिदायत दे दी है कि , इन लड़ाकू विमानों की देख रेख ,साफ़ सफाई , आदि के लिए किसी भी पाकिस्तानी को न शामिल किया जाए क्यूंकि वे तकनीक आतंकियों को पहुंचा सकते हैं।
भारतीय विदेश सचित श्री हर्ष वर्धन श्रींगला को जानकारी साझा करते हुए फ़्रांस ने अपने इस फैसले से अवगत कराते हुए भारत और विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया कि आतंक के विरूद्ध इस लड़ाई में भारत ने मुखर हो फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों का साथ दिया।
फ़्रांस ने पाकिस्तान के कट्टरपंथी रवैये और आतंकवादियों /जेहादियों का साथ देने के कारण उन्हें दी गई Agosta 90B वर्ग की पनडुब्बियाँ और air-independent propulsion (AIP) systems को भी नवीनीकरण करने की पाकिस्तान की बार बार की गई याचना को पूरी तरह ठुकरा दिया। इसका परिणाम ये हुआ है कि पाकिस्तान के पास मौजूद अब ख़ालिद ,साद और हमज़ा नाम की कुल मात्र 3 पनडुब्बियां भी , 15 मिनट से ज्यादा पानी के अंदर छुपी नहीं रह सकेंगी।
इससे पहले जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने वर्ष 2017 में जर्मन दूतावास पर हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई करने में पाकिस्तान की हील हुज्जत वाले रवैये से नाराज़ होकर ऐसा ही कठोर फैसला पहले ही ले चुकी है।
फ्रांस सरकार द्वारा पाकिस्तान को ये करारा तमाचा उस समय रसीद किया गया जब पाकिस्तान ने ,तुर्की के उस बयान कि -सभी मुस्लिम देश फ्रांस के विरुद्ध एक हो जाएं के पक्ष में सबसे पहले कूद कर प्रधान मंत्री इमरान खान तुर्की के साथ बयानबाजी करने लगे।
फ्रांस के विरूद्ध पाकिस्तानी संसद ने बाकयादा प्रस्ताव पारित कर पेरिस से अपने दूतावास को बंद करने का निर्णय भी लिया मगर उस समय पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय बेइज्जती हुई जब उन्हें पता चला कि असल में पेरिस में तो पाकिस्तान को कभी दूतावास खोलने की अनुमिति ही नहीं मिली थी।
इसके बाद पाकिस्तान के चरमपंथी आतंकी समूह तहरीक -ऐ -लबैक ने जोर शोर से फ़्रांसिसी सामानों के बहिष्कार की बात की थी। अपनी घृणास्पद बयानों के लिए मशहूर और अभी हाल ही में कोरोना से मरे मौलाना रिज़वी ने पाकिस्तान और इमरान को फ्रांस पर परमाणु हमले करने की नसीहत दे दी थी बिना ये जाने कि अभी विश्व में फ्रांस सबसे अधिक परमाणु आयुध संपन्न देश है।
जाहिल पाकिस्तान अपने ही जाहिलपन के कारण पहले भी अपने लिए खुद कब्र खोदता रहा है और अब उनकी कब्र पर दुनिया ने मिटटी डाल ये सब हमेशा के लिए ख़त्म करने का फैसला ले लिया है।
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