अखर रहा है सेना प्रमुख का अचानक चले जाना!

घटना तो कई होती हैं, लेकिन कुछ घटनाएं इतनी व्यापक प्रभाव वाली होती हैं, जिससे पूरा देश शोक के आवरण में डूब जाता है।


देश के लिए यह अत्यंत अप्रिय खबर है कि तमिलनाडु में एक वीभत्स दुर्घटना में भारत के एक शक्तिशाली सेनानायक जनरल बिपिन रावत असमय ही काल के गाल में समा गए। आसमान और धरा पर कई कीर्तिमान अपने नाम करने वाले जनरल रावत का यूं चले जाना निश्चित ही अवसाद दे रहा है।
चीन और पाकिस्तान की अनेक षड्यंत्रकारी चालों के समक्ष एक सेनापति के रूप मजबूत भारत को प्रस्तुत करने वाले श्री रावत देश के लिए जीते रहे और देश बचाने की योजना बनाते बनाते अलविदा हो गए। उनकी वाणी भारत की वाणी ही थी, इसलिए कहा जा सकता है कि वह जब बोलते थे तब ऐसा ही परिलक्षित होता था, जैसे पूरा देश बोल रहा है। कहने को कई लोग इस भूमि पर जीवन जीते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो समाज के लिए जीवंत मिसाल बन जाते है। अपने जीवनकाल में अनेक ऐतिहासिक अभिलेख लिखने वाले सेना प्रमुख बिपिन रावत यह महान उपलब्धि कही जाएगी कि उनकी रक्षा योजनाओं के चलते पाकिस्तान और चीन को पराजित मानसिकता के दौर में जीते देखा है। कश्मीर में आज जो सुखद पटकथा लिखी जा रही है, उसमें श्री रावत ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।


जनरल श्री रावत राष्ट्रीय सीमाओं में बंधे रहे। उनके लिए भारत देश ही अपना घर था। सही मायनों में कहा जाए तो वे देश से एकात्म ही हो गए थे।

विनम्र श्रद्धांजलि!

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