हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों ने देश की अवाम पर जुल्म किया, उनका धर्म परिवर्तन कराया, उनसे जजिया कर लिया , उन्हीं लोगों के नाम पर देश में अब तक संस्थान और सड़कें बरकरार हैं। ऐसे में देश में नव जागृति की लौ उठनी शुरू हो गई है और अब जनता अपने ऊपर हुए अत्याचारों को सहन करने के लिए तैयार नहीं है। 


आज सुबह हिंदू सेना पूर्वी दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने त्रिलोकपुरी चौक स्थित गाजीपुर रोड का नाम बदल कर महर्षि वाल्मीकि मार्ग किया। यह रोड चिल्ला गांव से गाजीपुर जाता है हिंदू सेना के कार्यकर्ता इस रोड का नाम बदलने की लंबे समय से मांग कर रहे थे ।


हिन्दू सेना ने कहा इस्लाम मैं गाजी की उपाधि उसे दी जाती है जिसने काफिरों का कत्ल किया हो , हिंदू सेना दिल्ली सरकार से मांग करती है  इस रोड का नाम तत्काल महर्षि वाल्मीकि मार्ग किया  जाए। 


निश्चित तौर पर औरंगजेब लेन, बाबर रोड, तुगलक लेन अकबर रोड, हुमायूं रोड जैसी सड़कें होने का क्या मतलब है? आखिर लुटियन दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण इलाके में जहां विश्व के तमाम राजदूत रहते हैं वहां इन मुगल शासकों के नाम पर यदि सड़क है तो इससे देश की छवि का प्रभाव विदेशों पर क्या रहता है ये अपने आप में चिंताजनक है।

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