देश प्रधानमंत्री मोदी जी की अगुआई में , उस समय कोरोना की छाती पर चढ़ बैठा है जब दुनिया के बहुत से फन्ने और तुर्रम खां कहते कहलाते देश आज खुद से और पूरी दुनिया से कहते फिर रहे हैं , बता और जता रहे हैं कि , देश हो तो भारत जैसा हो , लोग जीवट हों तो भारत जैसे और यदि नेतृत्व हो प्रधानमंत्री मोदी जैसा , विशवास हो तो भारतीय चिकित्सा विज्ञानियों जैसा , एक नहीं दो दो संजीवनी खोज निकाली और निकल पड़े दुनिया को बचाने।

एक साल से पहले पहले ही हम सभी बुरी बातों और दौर से धीरे धीरे खुद को निकाल रहे हैं , और ऐसा इसलिए और सिर्फ इसलिए सम्भव हुआ है कि हमने खुद को सम्भाला हुआ है। किन्तु इस कोरोना काल में बरती जाने वाली अपेक्षित सावधानियों के अनुपालन का सबसे बड़ा दायित्व शासन और प्रशासन का रहा है जिसे उन्होंने बखूबी निभाया भी है।

मगर इस बीच एक बहुत ही सखत किसिम के प्रशासक , जो एक एक ट्वीट और पोस्ट का बदला लेकर ही छोड़ते हैं , पब्लिक हो या रिपब्लिक किसी की भी खैर नहीं -जब बोला बोलने का तभी और उतनाईच बोलने का। देश के फेवर में क्यों किया ? बीजेपी से सपोर्टिंग लगता है न रे बाबा ! अब्बी फिर देको ये लोग बाग़ जब पेट्रोल पी पी कर आग मूतू कर रहा है सरकार के खिलाफ तो इन लोग का एक भी ट्वीट नहीं -सब क्राइम है सब , बोले तो अईसा कईसे रे !

चलो माना सरकार ने कह दिया था पहले ही “ए अपना अपना देखो रे ” तो फिर जनता को ही देखना मांगता था की नई। पूरी दुनिया में कोरोना का मीटर डाऊन हो रेला है और एक तुमिच्च के गॉंव में इत्ता फ़ैल रेला है रे बाबा।
ये BMC किदर है आजकल ! बुलडोज़र नई , कोई तो भी बुमबुम नई , ऐसे नको रे बाबा। आखिर कब तक पब्लिक ई कोरोना का करते रहेंगे ऐसे “सामना ” ??

बहुत जल्द कोई तो भी फरमान जारी होईंगा ही कि सबको “गो कोरोना गो ” ट्वीट करना ही माँगता है। क्यूंकि वैक्सीन को भी भाजपाई घोषित किया जा चुका रे भीड़ू।

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