धर्मांतरण गैंग किस तरह से धीरे-धीरे अपना जाल फैला रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के बाद अब हरियाणा में भी जबरन धर्मांतरण कराने वालों को सरकार सबक सिखाने की तैयारी में है. मंगलवार को हरियाणा कैबिनेट की बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है। अब इस विधेयक को जल्द ही विधानसभा में लाया जाएगा। हरियाणा में किसी भी तरह के धोखाधड़ी के जरिये जबरन धर्मांतरण को प्रतिबंधित करने के लिए, प्रदेश सरकार राज्य में धर्मांतरण रोकथाम विधेयक लाने के लिए तैयार है। इस बिल में गलत बयानी, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी तरह के छल कपट से शादी के लिए प्रभावित करना अब अपराध माना जाएगा. इस नए धर्म परिवर्तन कानून में दंड और जुर्माने का प्रावधान होगा।

आपको याद होगा कि मेवात, गुरुग्राम और पानीपत जिले में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए थे। इन सब मामलों को देखते हुए और इसे रोकने के लिए इस बिल को मंजूरी दी गई है। अब विधेयक को 2 मार्च से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। हरियाणा सरकार का यह निर्णय काबिले तारीफ है क्योंकि इससे अब उस निकिता तोमर जैसी लड़कियों को इंसाफ मिल सकेगा, जिन्हें बीच रास्ते पर तौसीफ ने गोलियों से भून दिया था, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वो उससे किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहती थी

दरअसल जबरन धर्मांतरण, लव जिहाद, किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। लव जिहाद के मामले अब पूरे देश से सामने आ रहे हैं, जिसके कारण देश में कई राज्यों में इसके रोकथाम के लिए सरकारें कार्रवाई कर रही है। खास कर केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा, असम, उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के काफी ज्यादा मामले सामने आते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों की सरकारें जबरन धर्मांतरण के विरोध में सशक्त अधिनियम ला चुकी है.

 

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