हाथरस में क्रूरता का शिकार हुई लड़की के मुद्दे पर किस तरह से वामपंथी जिहादी मीडिया और नेता हो हल्ला मचा रहे हैं उसमें कहीं न कहीं देश को तोड़ने की बू आ रही है। इन वामपंथी नक्सली आंखों को पीड़ित हुई लड़की की सबसे पहले जाति दिखी और फिर गिद्ध मानसिकता के लोगों ने उस पर राजनीति करनी शुरू कर दी क्योंकि अपराधी तथाकथित ऊंची जाति के थे। अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं और कानून उनको उनके अंजाम तक पहुंचाएगा इस बाबत मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की बात भी कही है ताकि अपराधियों को जल्द सजा दी जा सके।
मगर हम आपका ध्यान उस राजनीतिक षड्यंत्र की ओर ले जाना चाहते हैं जहां पर यह गिद्ध उस लड़की की लाश पर राजनीति गरबा कर रहे हैं ताकि जाति का ढोल पीटकर यह देश की एकता को तोड़ सकें।
दरअसल इन गिद्धों की गंदगी योगी और मोदी के खिलाफ उजागर हो रही है ताकि यूपी में जातिगत उन्माद फैलाकर हिंसा को उकसाया जा सके। इनकी हमदर्दी लड़की से नहीं इनकी नफरत योगी और मोदी से है इस पूरे मुद्दे पर यही दिखता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट साफ कहती है कि रेप नहीं हुआ तब भी इन्होंने इस मुद्दे पर रेप का हल्ला मचाया। लड़की ने स्वयं अपना बयान दर्ज कराया और बताया कि जीभ नहीं काटी गई तो भी इन झूठ के सौदागरों ने प्रपंच किया कि लड़की की जीभ काटी गई है। लड़की के भाई ने सिर्फ मारपीट का केस दर्ज कराया फिर भी ये लोग मामले को बढ़ाकर पेश कर रहे हैं ताकि इनकी राजनीतिक रोटियों पर नफरत का जहर लगाकर देश को चटाया जा सके। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे सलाखों के पीछे हैं उनके पापों का हिसाब उन्हें मिलेगा..मगर जिन्होंने प्रोपगैंडा फैलाकर जहर उगला उनका हिसाब कौन करेगा।
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