“जाति-धर्म का लगे खेलने, मंत्री-संत्री मिल कर दांव !

लुटती रही इज्जत देश की, फिक्र किसे हैं?,

जब सत्ता पर है अपना दांव!!

गिद्धों ने भी हार मान ली, इंसानों की बेशर्मी पर !

लाशों को भी नहीं बक्शा, राजनीती के नाम पर !!

बस मित्रों हाथरस मामले का पूरा सारांश उपरोक्त पंक्तियों में हैं, अब तो हाथरस केस की पूरी कड़ियाँ लगभग खुल ही गयी हैं, तो मैं भी आपको बता देना चाहता हूँ जाने अनजाने हमने उस केस की वजह से सोशल मीडिया पर बहुत गालियाँ खायी|

कुछ महिलाओं की, कुछ साजिशकर्ताओं की और कुछ अपने ही भावुक मित्रों की और कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों की| पर हमें हमेशा से ही सत्यान्वेषी रहें हैं इसलिये आपके समक्ष कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहें हैं|आप सबसे निवेदन हैं की इस घटना को तनिक ध्यान से देखें:-

1. ये साज़िश आपको “Well managed conspiracy” दिखेगी, जिसे टुकड़े-टुकड़े गैंग, शहरी नक्सल, पीएफ़आई एसडीपीआई, खान मार्केट गैंग, अवार्ड वापसी गैंग, एनजीओ गैंग एमनेस्टी इंटरनेशल आदि, लुटियन्स मीडिया, काँग्रेस, आम आदमी पार्टी व भीम+मीम आर्मी ने अपने राजनितिक फायदे के लिये जातिवादी रंग दे दिया हैं|

2. अचानक ही इस घटना में “पीड़ित” और “आरोपियों” की जाति देखी जाने लगी| जबकि 1 वर्ष पहले (2019 Sep-Oct) कौशाम्भी रेप केस में दरिंदो को “समुदाय विशेष” का कहकर संबोधित करना सेकुलारिसम को खतरा में डालने जैसा था |

3. हाथरस के बहाने जातीय दंगा फेलाने के लिये मोरिशस से 100 करोड़ की फंडिंग आना, इन तथ्यों से स्पष्ट होता है की मामला हैं कुछ और… पर बनाया कुछ और जा रहा है|

4. एक निजी न्यूज़ चैनेल के स्टिंग ओपेराशन कर उजागर किया है की, कैसे इस केस को निशाना बनाकर दंगा भड़काने की पूरी साजिश रची गयी थी | ( साक्ष्य – Hathras Case: Rahul Aide admits Congress Conspiracy to Trigger Riots. Source- Republic TV)

5. आरोपी के पिता बोल रहे हैं की वे अपने बेटे का “Narco Test” करवाने को तैयार है, पर पीड़ित पक्ष “Narco Test” के लिये तैयार नहीं|

6. हाथरस केस में बलात्कार नहीं हुआ है ये मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट हो चुका है|दरअसल ये ( वामी /कामी/ कांगी/ टुकड़े टुकड़े गैंग) का प्रपंच है, इन लोगों कि खीज है मोदी जी से, योगी जी से| जबसे इन लोगों की दिल्ली से दंगा दुकान शहीब बाग कोरोना काल की वजह से बंद हो गयी, तो अब ये बिहार व उत्तर प्रदेश के चुनाव आते देख सरकार को बदनाम करने के लिए अपने षड़यंत्र, प्रपंच रचने लगे |

जैसे मध्यप्रदेश चुनाव से पहले इन्हीं लोगों ने स्वर्णों के नाम पर SC/St एक्ट को लेकर राजनीति की थी और इस से पूर्व बिहार चुनाव से पहले, डॉ मोहन भागवत जी के एक बयान को लेकर मोदी सरकार संविधान बदलकर आरक्षण खत्म कर देगी ऐसा प्रोपोगैंडा खड़ा कर लोगों को जाती के नाम पर भड़काओ आंदोलन किया था|

अब हाथरस के मुद्दे को दलित लड़की के नाम पर न्याय की माँग को लेकर दलितों के साथ अन्याय का प्रोपोगैंडा खड़ा करने की साज़िश रची | ये सब सिर्फ एक ओछी राजनीति है, हिंदुओं को बांटने की| भारतीय जनता पार्टी को, मोदी जी व योगी जी को बदनाम करने की बस | कुछ का तर्क था की तुम लोग तो बलात्कार जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी राजनीति करते हो ? तो मैंने कहा कि हाथरस कि दुखद घटना रेप केस नहीं है, मैं भी उस बहन के लिए न्याय की माँग करता हूँ, लेकिन मुझे उसपर योगी विरोधी राजनीति बिलकुल भी पसंद नहीं |हाथरस केस में बलात्कार नहीं हुआ है ये मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट हो चुका है, बस एक साजिश है योगी सरकार को बदनाम करने की, और ये प्रोपोगैंडा प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश में कवरेज़ दिलवाने के लिए किया जा रहा है |

हुआ भी बिलकुल वैसा ही.., राहुल गांधी की PR एजेंसी ने उसे गिरने को बोला, तो वो पुलिस वाले को धकेलने के बाद खुद ही गिर पड़ा, सिर्फ़ दिखावे के लिए कि मैं हाथरस जा रहा हूँ, मुझे पुलिस ने गिरा दिया हाथरस जाने नहीं दिया| देखो मैं उस लड़की को न्याय दिलाने के लिए जा रहा था, पुलिस ने मुझे धकेल के गिरा दिया आदि आदि |सब ड्रामा होने के बाद, जब पुलिस ने राहुल को हाथरस जाने नहीं दिया, तो दोनों भाई बहन राहुल गांधी एंड प्रियंका वाड्रा एक दिन छोडकर उसके अगले दिन एकसाथ निकले और वो पहुँच गए लड़की के घर, वहाँ नकली भाभी के गले मिले खूब राजनीति भी की.., लेकिन अब पता चल रहा है कि भाभी तो नक्सली है और मीडिया को गुमराह करने व मीडिया के माध्यम से पूरे भारत को गुमराह करने व वहाँ कि उल्टी सीधी रिकॉर्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल करने, लोगों को भड़काने के लिए प्लांट कि गयी थी| उस नकली भाभी राजकुमारी बंसल/बाल्मीकी ने 2 साल पहले भी ऐसे ही एक केस में ये औरत लड़की कि मौसी बनकर आगरा गयी थी, संजली हत्याकांड में ये महिला दिल्ली से शव के साथ ही आई थी और लड़की का अंतिम संस्कार होने से रोक रही थी जब पुलिस ने उसकी तफतीश कि तो वहाँ से भाग गयी, वहाँ भी मामला दलित संबन्धित था क्योंकि वो लड़की अनुसूचित जाती से थी ? हाथरस केस में बताया जा रहा है कि नकली भाभी के साथ 2 लोग और भी थे| सोचिये!! प्रपंच का उत्कर्ष कंहा तक पहुँच चुका है|

प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी के हाथरस से वापस आने के बाद आप देख ही रहे हैं, रोज़ाना एक से बढ़कर एक बड़ा खुलासा हो रहा है हाथरस को लेकर बस अब सिर्फ़ एसआईटी की रिपोर्ट का इंतज़ार है| सबसे बड़ा प्रश्न जो लोगों द्वारा उठाया जा रहा है वो ये है कि लड्की कि लाश को रात को क्यों जलाया? तो उसका जवाब पुलिस ने दे दिया है लड़की के पिताजी और दादाजी ने ही लड़की का अंतिम संस्कार किया| परिवार कि रजामंदी से ही अंतिम संस्कार हुआ और पुलिस ने आगे कि दंगाई स्थिति को भाँपते हुए इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर ऐसा किया, क्योंकि ये खीज़ खाये हुए राजनीतिक गिद्ध लड़की की बॉडी को रखकर बड़े दंगे करने कि फ़िराक में थे जिससे योगी सरकार पर सवाल उठाने का मौका मिल जाये |लेकिन योगी जी को पहले से ही सारी खबर थी, खूफ़िया विभाग की सतर्कता ने दिल्ली, बैंगलोर जैसे दंगे जो की उत्तर प्रदेश में होने वाले थे उन्हे होने से रोक दिया| बस एक गधा गिरा उत्तर प्रदेश में नौटंकी करने जाते समय और कुछ नहीं हुआ सब एकदम बढ़िया चल रहा उत्तर प्रदेश में आगे भी चलता रहेगा, योगी राज पे विश्वास है सबको न्याय मिलेगा, उचित न्याय मिलेगा और अपराधियों दंगाइयों की तो खैर नहीं |


– रामेश्वर आर्य, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ( rameshwararyag@gmail.com )

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