देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में सरकार के पक्ष और विपक्ष के नैरेटिव से लड़ने के लिए रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर को दो अहम मंत्रालय सौंपे  गए हैं। मगर जिस तरह से लगातार टि्वटर अपनी मनमानी कर रहा है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आखिर यह मंत्री टि्वटर पर कोई कड़ा एक्शन क्यों नहीं लेते हैं। 


Twitter ने 1 घंटे के लिए आईटी-लॉ मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद का टि्वटर अकाउंट ब्लॉक कर दिया और उसके पीछे वजह बताई कि उनके ट्वीट ने कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन किया है, यह ट्वीट 2017 का बताया जा रहा है। 


सच बात ये है कि सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और आई टी मंत्री रविशंकर प्रसाद Left wing के फर्जी आक्रामक नैरेटिव से लड़ने में उतने कारगर साबित नहीं हुए हैं, जबकि ये दोनों ही मंत्री मोदी सरकार में अहम मंत्रालय सम्हाल रहे हैं। कल पूरे देश ने देखा कि 125 करोड़ आबादी वाले देश का कैबिनेट मंत्री किस तरह ट्विटर द्वारा अपना एकाउंट ब्लॉक होने की जानकारी दे रहा था, आखिर वो कड़क अंदाज़..वो सरकार वाला इकबाल…वो ओहदे का वजन कहां था?? इससे पहले भी मोहन भागवत, वैकेंया नायडू के ट्विटर एकाउंट पर कार्रवाई कर ट्विटर अपनी सीमा लांघ चुका है। 


जब नाइजीरिया जैसा छोटा देश ट्विटर को उसकी सही जगह दिखा सकता है तो फिर आखिर भारत जैसे शक्तिशाली देश को एक सोशल मीडिया साइट के सामने घुटने टेकने का क्या अर्थ है?

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