सरकारी परीक्षा केंद्रों पर हिंदू परिक्षार्थियों के साथ ऐसा अनैतिक व्यवहार क्यो ?

? परीक्षा देने से पहले हिन्दुओ की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए युवाओं के हाथ से कलावे को कैंची या चाकू से काट कर कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है।
? देश मे रेलवे की परीक्षाएं चल रही है, जिसे कंप्यूटर द्वारा TCS iON आयोजित करवा रहा है, इनके हर केंद्र के बाहर लाखों हिंदू युवाओ के कलावे चाकू या कैंची से काट कुड़ेदान में फेंक दिये जाते है। केवल  रेलवे के नही बल्कि अन्य केंद्रीय और राज्य सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में भी यही हो रहा है।
? क्या देश मे हिन्दुओ को धार्मिक स्वंत्रता का अधिकार नही है क्या? आखिर धार्मिक धागे से नकल का कैसा डर? क्या कोई बता सकता है? सुहागनों पर मंगल सूत्र उतारने का दबाव बनाया जाता है, इसी चलते बहुत सी हिन्दू महिलाओं ने परीक्षा नही दी, क्यों यह नियम टोपी और बुर्के पर लागू नहीं?
? हम सभी को इस अन्यायपूर्ण प्रथा के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए, परीक्षा केंद्रों पर अगर आप पर कोई कलावा काटने का दबाव बनाये तो उनसे लिखित आदेश मांगना हमारा अधिकार है।

? सरकार को इसके लिए एक गाइडलाइन जारी करनी चाहिए, जिसमे हिन्दुओं के धार्मिक पहचान , आस्था और अधिकार को  भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
? कलावा का हमारे धर्म और शास्त्रों में बहुत महत्व है, किसी भी विशेष धार्मिक स्थान पर जाने पर व पूजा के बाद हमारे हाथों में कलावा बांधा जाता है, उसके उतारने की भी एक विधि हैं, पर परीक्षा केंद्रों के बाहर सारी रीतियों को ताक पर रखते हुए, हाथों से कलावा काट कर कूड़ेदान में डाल दिया जाता है, यह कहा तक उचित है?

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