भारत की जानी मानी भौतिक वैज्ञानिक रोहिणी गोडबोले को फ्रांस के प्रतिष्ठित सम्मान ‘ऑर्डर नेशनल ड्यू मेरिट’ से सम्मानित किया गया है। रोहिणी गोडबोले को ये सम्मान फ्रांस और इंडिया के बीच सहयोग करने और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिया गया है।
68 साल की रोहिणी गोडबोले भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर में प्रोफेसर हैं। आईआईएससी-बैंगलोर द्वारा बुधवार को इस बारे में सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी गई। ऑर्डर नेशनल ड्यू मेरिट फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा “विशिष्ट योग्यता” के लिए दिए जाने वाला एक फ्रांसीसी सम्मान है।
इस पुरस्कार के बाद गोडबोले उन सम्मानित भारतीयों की लीग में शामिल हो गए हैं, जिन्हें इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व संस्थापक प्रमुख डॉ. इंदिरा नाथ शामिल हैं, जिन्हें शेवेलियर ऑर्डर नेशनल डू मेरिट, और हैदराबाद विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ केमिस्ट्री में प्रोफेसर गोवर्धन मेहता को ‘लेगियन डी’ ऑनर से नवाज़ा जा चुका है।
पुणे की रहने वाली हैं रोहिणी गोडबोले
रोहिणी गोडबोले का जन्म 1952 में पुणे में हुआ और उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से बीएससी (भौतिकी) पूरी की और प्रथम रैंक हासिल की। 1974 में उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी- बॉम्बे से एमएससी पूरा किया। यहां भी पहली रैंक हासिल करने के बाद उन्हें संस्थान से रजत पदक मिला। गोडबोले ने अपनी पीएचडी न्यूयॉर्क के स्टोनी ब्रूक यूनिवर्सिटी से की। 1979 में न्यूयॉर्क से पीएचडी की डिग्री लेने के बाद वो बॉम्बे यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट में लेक्चरर और रीडर के तौर पर काम कर चुकी हैं। 1998 में वह प्रोफेसर बनीं।
यूरोप की न्यूक्लियर रिसर्च की संस्था सर्न के लिए काम कर चुकी गोडबोले STEM (Science, technology, engineering, and mathematics) में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न नीतिगत उपायों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं। रोहिणी गोडबोले ने अब तक तीन किताबों का संपादन किया है। वह पुस्तक लीलावती की बेटियों की सह-लेखिका हैं, जो भारत की महिला वैज्ञानिकों पर जीवनी संबंधी निबंधों का संग्रह है।
गोडबोले नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत (NASI), एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ द डेवलपिंग वर्ल्ड, द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज (TWAS) और इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी में भी एक निर्वाचित सदस्य हैं। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों के लिए 2019 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
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