जिस तरीके से श्रीलंका में आर्थिक मुद्दों पर तमाम उपद्रव और बवाल हो रहे हैं क्या कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरित पांच राज्यों की सरकार जानबूझकर अपने उन राज्यों को ऐसी स्थिति में धकेलना चाह रही है ? दरअसल कुछ समय पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारत के 5 राज्यों की सरकारों को चेतावनी दी थी कि वह फ्री में चल रही अपनी तमाम मुहिम पर लगाम लगाए वरना उन राज्यों की स्थिति आर्थिक बदहाली की तरफ पड़ सकती है ।
राज्यों में दबाव बढ़ने को लेकर चेतावनी के संकेत दिख रहे हैं और सर्वाधिक कर्ज वाले पांच राज्यों…पंजाब, राजस्थान, बिहार, केरल और पश्चिम बंगाल…को गैर-जरूरी चीजों पर खर्च में कमी कर सुधारात्मक उपाय करने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह कहा गया था।


आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबव्रत पात्रा के मार्गदर्शन में अर्थशास्त्रियों के एक दल द्वारा लिखे लेख में कहा गया था कि विभिन्न अप्रत्याशित झटकों से राज्यों की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ सकता है।

सामानों पर बढ़ते खर्च, बढ़ती देनदारी और बिजली वितरण कंपनियों पर बढ़ता बकाया जैसे कारणों से नये जोखिम के स्रोत उभरे हैं। ऐसे में पंजाब बिहार केरल और पश्चिम बंगाल जैसे वामपंथी विचारधारा से प्रेरित राज्यों की तमाम सरकारों को यह सबक लेना चाहिए यदि जनता को ज्यादा फ्री की स्कीम मुहिम देकर राज्य के वित्तीय राजस्व पर बोझ डालेंगे तो उनके राज्यों में उपद्रव की स्थिति श्रीलंका जैसी बनती देर नहीं लगेगी।

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