केरल को देश का सबसे शिक्षित राज्य कहा जाता है. लेकिन कभी-कभी लगता है ये मात्र एक छलावा है. दरअसल केरल देश के उन राज्यों में शामिल है जहां से कुछ ना कुछ ऐसी खबरें आती रहती है जो पूरे भारत में चर्चा का विषय बना रहता है. लेकिन इस बार मामला केरल की शिक्षा से जुड़ा हुआ है.

दरअसल केरल की सीपीआई (एम) सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसपर सवाल उठना लाजमी है. केरल की सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा NCERT के पाठ्यक्रमों से हटाए गए कई चैप्टरों को अपने बोर्ड की पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने का निर्णय लिया है। इनमें गुजरात दंगे, गोडसे द्वारा महात्मा गाँधी की हत्या और जवाहरलाल नेहरू के काल का भारत जैसे चैप्टर शामिल हैं। क्लास 11 और 12 की ये किताबें सप्लीमेंट्री होंगी। इन्हें स्कूलों में बाँटा जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने 12 अगस्त को इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा, “करिकुलम समिति ने केंद्र सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम से हटाए गए प्रमुख चैप्टरों पर चर्चा की थी और इसकी विस्तार से जाँच करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया था।” मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवनकुट्टी ने कहा कि स्कूलों में नई पाठ्यपुस्तकें वितरित की जाएँगी। यह जरुरी है कि छात्र अपने इतिहास, अर्थशास्त्र और विज्ञान को सही परिप्रेक्ष्य में सीखें। उन्होंने कहा कि केंद्र ने ऐसी सभी सामग्री हटा दी थी और पिनाराई विजयन सरकार ने पहले वादा किया था कि छात्रों को देश की वास्तविक भावना के बारे में पढ़ाया जाएगा।

ये कहना गलत नहीं होगा कि केरल सरकार ने अपने इस फैसले के जरिये केंद्र सरकार को खुली चुनौती देने का काम किया है. लेकिन ये कोई पहली बार नहीं है दरअसल अप्रैल 2023 में ही केरल राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम के उन हिस्सों को पढ़ाने का संकल्प लिया था जिन्हें एनसीईआरटी ने शुरू में कक्षा 11 और 12 की पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया था। यह निर्णय एससीईआरटी के भीतर एक पाठ्यक्रम समिति से पैदा हुआ था।

वैसे ये बीमारी केवल केरल तक सीमित नहीं है. पिछले साल 2022 में,तमिलनाडु की DMK सरकार ने प्रथम वर्ष के छात्रों को पारंपरिक पश्चिमी हिप्पोक्रेटिक शपथ के बजाय चरक संहिता की शपथ लेने की अनुमति देने के लिए एक कॉलेज के खिलाफ रुख अपनाया।

केरल की वामपंथी सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को खुलेआम चुनौती देना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.

 

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.