पंजाब के विभिन्न हिस्सों में रिलायंस जियो के लगभग 1300 टावरों को निशाना बनाकर नुकसान पहुँचाया गया। किसी का जेनेरेटर चुरा लिया तो किसी की बिजली सप्लाई बंद कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कुछ महीने पहले तक तो रिलायंस के स्वामित्व वाला टावर था, लेकिन रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी ने कुछ ही समय पहले एक कनाडाई कंपनी ‘ब्रुकफील्ड’ (Brookfield) को बेच दिए थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने सितंबर में बताया था कि जियो (Reliance JIo) की दूरसंचार टावर एसेट्स को कनाडा की ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी को 25,215 करोड़ रुपए में बेच दिया। ब्रुकफील्ड टावर कंपनी ने 100 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी थी। इस रकम का इस्तेमाल रिलायंस जियो इंफ्राटेल का कर्ज चुकाने में किया जाने वाला है।
प्रदर्शनकारी रिलायंस जियो टावर को इसलिए अपना निशाना बना रहे हैं क्योंकि कॉन्ग्रेस राजनेताओं ने झूठ फैलाया था कि अडानी और अंबानी किसानों को बर्बाद करना चाहते हैं। इससे पहले इसी प्रकार नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने हाल ही में रिलायंस के पेट्रोल पंप और जियो (Jio) सिम का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। उसके बाद रिलायंस मॉल के बाहर भी नारेबाजी और प्रदर्शन भी देखे गए थे। मगर, ये विरोध यही तक सीमित नहीं रहा बल्कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने पर आमादा हो गया।
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