जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर आपत्तिजनक नारे और भड़काऊ भाषण कैंपस के अंदर दिये गए है , दरअसल JNU  छात्र संघ ने पहले तो यूनिवर्सिटी प्रशासन के आदेशों के खिलाफ जाकर बाबरी विध्वंस की बरसी से ठीक 2 दिन पहले यानि 4 तारीख को पहले डॉक्यूमेंट्री ‘राम के नाम’ दिखाई, वो मामला शांत भी नहीं हुआ था अब बरसी वाले दिन यानि 6 दिसंबर को जेएनयू कैंपस में जेएनयूएसयू के कार्यक्रम में दोबारा से बाबरी मस्जिद बनाने के नारे लगाए गए.

बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी पर जेएनयू कैंपस में हुए कार्यक्रम में हाथों में तख्तियां लिए छात्रों ने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में मस्जिद गिराए जाने का विरोध किया। सांप्रदायिकता मुर्दाबाद और ‘हिंदुत्व की हिंसा’ मुर्दाबाद लिखी तख्तियों को लेकर प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक छात्र अयोध्या में फिर से बाबरी मस्जिद बनाने की बात करते और इसके लिए लड़ाई का आह्वान करते दिख रहा है। वीडियो में JNUSU उपाध्‍यक्ष साकेत मून कहते दिख हैं, ‘ये कहना पड़ेगा आपको कि जो बाबरी मस्जिद को गिराया गया, गलत गिराया गया। और इसीलिए इंसाफ होगा कि बाबरी फिर से बनाई जाए। इस इंसाफ के लिए लड़ाई है।’

इस प्रदर्शन के दौरान ‘नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ, फिर बनाओ बाबरी’ जैसे नारे भी लगाए गए. दरअसल इस प्रदर्शन का आह्वान JNUSA द्वारा देर शाम 8:30 बजे किया गया था. जेएनयू कैंपस के गंगा ढाबा पर ठीक इसी इसी काफी संख्या में लेफ्ट विंग के छात्र जमा हुए थे. जहां ये नारे लगाए गए।

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