तमिलनाडु के तंजावुर में 17 साल की लावण्या खुदकुशी मामले में देश भर में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, इस बेटी को इंसाफ दिलाने, पूरे परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर तरफ मुहिम शुरू की गई है ताकि ईसाई मिशनरियों को उनके किये पापों की सजा मिले और दोबारा कोई दूसरी लावण्या ना बने.

छत्तीसगढ़ में भी अखिल भारतीय घर वापसी अभियान और छत्तीसगढ़ BJP के सचिव प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पूरे मामले को लेकर ईसाई मिशनरियों पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक हिंदू बेटी के साथ जो हुआ उसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है, उसे भूलाया नहीं जा सकता है, ना किसी को क्षमा किया जा सकता है। ईसाई मिशनरी सेवा के बदले सौदा करती हैं।

उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियों की प्रताड़ना की वजह से लावण्या ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है। मुझे यह बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं हो रहा है कि ईसाई मिशनरी सेवा के बदले सौदा करती हैं और धर्मांतरण के लिए हर तरह का हथकंडा अपनाती हैं। इसका विरोध ही एक मात्र उपचार है।”


प्रबल प्रताप सिंह ने एक वीडियो शेयर कर कहा कि ‘अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च:।’ जब तक हिन्दू समाज अपने आक्रोश को प्रदर्शित नहीं करेगा और सहिष्णु बना रहेगा तब तक ये विघटनकारी शक्तियां अपना कुचक्र चलाती रहेंगी। कहा कि उनके स्वर्गीय पिता ने बहुत सोच समझ कर घर वापसी कार्यक्रम शुरू किया था जिसे वह आखिरी धर्मांतरित हिंदू की घर वापसी तक चलाते रहेंगे।

बता दें आपको 12वीं पढ़ने वाली लावण्या ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। लड़की के परिवार का आरोप है कि हॉस्टल की वॉर्डन उसे प्रताड़ित करती थी उसे बुरी तरह पीटा करती थी. क्योंकि उसने ईसाई धर्म स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद बच्ची ने 9 जनवरी, 2022 को ही जहर खा लिया था और 19 जनवरी 2022 को मौत हो गई थी. अब पूरा देश लावण्या को इंसाफ दिलाना चाहता है. और वहीं दूसरी तरफ ऐसे ईसाई मिशनरीज जो शिक्षा की आड़ में धर्मांतरण के लिए बच्चों को उकसा कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं उनका पर्दाफाश कर  कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की जरुरत है।

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