तमिलनाडु के तंजावुर में हिंदू छात्रा लावण्या को इंसाफ दिलाने के लिए अब देश भर से आवाज उठने लगी है, सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर लोग लावण्या को इंसाफ दिलाने के लिए आगे आ रहे हैं. अब इस मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मामले में जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। प्रियांक कानूनगो खुद 30 और 31 जनवरी को तंजावुर जाएंगे और सेक्रेड हर्ट सीनियर सेकेंड्री स्कूल की 17 साल की छात्रा की आत्महत्या मामले की जांच करेंगे.
NCPCR द्वारा जारी प्रेस नोट
प्रियांक कानूनगो, अध्यक्ष, NCPCR
वहीं इस मामले में आयोग नेे तमिलनाडु सरकार से NCPCR के दल को जांच के लिए जरूरी सहयोग देने के लिए कहा था, लेकिन तमिलनाडु सरकार स्थानीय निकाय चुनाव और आचार संहिता का हवाला देते हुए सहयोग में आनाकानी कर रही है. बावजूद इसके टीम जांच के लिए जाएगी. जांच के दौरान पीड़ित के माता-पिता से बातचीत के दौरान एसपी और जांच अधिकारी को मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। जांच टीम बच्ची के साथ पढ़ने वाले बच्चे, इलाज करने वाले डॉक्टर और छात्रा का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और स्कूल प्रशासन से भी पूछताछ करेगी।
दरअसल लावण्या पिछले पांच सालों से सेंट माइकल गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। जहां सरकारी सहायता प्राप्त ईसाई मिशनरी स्कूल उस पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था। उसके साथ बहुत क्रूरता की गई। शौचालय तक की सफाई उससे कराई जाती थी। उसकी छुट्टियां रद्द कर दी गईं। स्कूल प्रशासन की प्रताड़ना से तंग आकर उसने जहर खा लिया था। 9 जनवरी की रात को लावण्या को बेचैनी और लगातार उल्टी होने के बाद स्थानीय क्लिनिक ले जाया गया। 19 जनवरी 2022 को अस्पताल में अंतिम सांस ली। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लावण्या ने बेहोशी की हालत में अपने साथ हुए टॉर्चर के बारे में बताया था।
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