ज़रा सोचिए: शिक्षक के क़त्ल पर फ्रांस एकजुट होकर खड़ा हुआ, कमलेश तिवारी के क़त्ल पर भारत क्यों सोया रहा?
पिछले 70 साल में जिस तरह से भारतीयों को गलत इतिहास और संस्कृति बोध पढ़ाया गया है यह उसी का नतीजा है कि कमलेश तिवारी की बेरहम कत्ल पर भी पूरा भारत सोया रहा।