हिंदू धर्म के तमाम मंदिर और सांस्कृतिक प्रतीक चिन्हों पर लगातार निशाना साधने वाले लोग अप्रत्यक्ष तौर पर भी कभी-कभी हमारे धर्म पर निशाना साधते हैं। प्रोपेगेंडा विचारधारा चलाने वाले यह लोग कभी हमारे भगवान कभी हमारे मंदिर पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं और कभी किसी और बहाने से हमारे सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।
ऐसा ही कुछ सबा नक्वी नाम की पत्रकार ने सोशल मीडिया पर किया है जिसने अपने ट्वीट में लिखा है कि बनारस में उसे गंगा के घाट पर जाने की इजाजत नहीं दी गई क्योंकि वहां पर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित था। ट्वीट के नीचे ही सबा नकवी ने खुद ही अपनी बात को दरकिनार करते हुए लिखा है कि वहां non हिंदू लिखा हुआ है।
सबा नक्वी ने अपने ट्वीट में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का भी जिक्र किया है दरअसल उन्हें यह पता होना चाहिए कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान गंगा को अपनी मां कहते थे और अपने सांस्कृतिक प्रोग्राम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना से करते थे जबकि सबा नक्वी और उसके परंपरा के तमाम मुस्लिम वंदे मातरम कहने में एतराज करते हैं।
काशी के गंगा घाटों पर सबा नक्वी ने सिर्फ एक बोर्ड पढ़ लिया और ट्वीट कर वह हमारे सनातन धर्म को बदनाम करने लगी जबकि तमाम मस्जिदों पर लिखा होता है कि वहां गैर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है खुद मक्का मदीना में कोई गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है ऐसे में सबा नक्वी आखिर एक सामान्य सी बात पर इतना प्रोपेगेंडा कर क्यों रही है। जाहिर है हमारे सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए।
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