दिल्ली में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को घर दिए जाने की खबरों को गृह मंत्रालय ने आखिरकार खारिज कर ही दिया। मीडिया में आ रही खबरों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ़ कर दिया कि रोहिंग्या मुसलमानों को EWS फ्लैट्स में बसाने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा, “गृह मंत्रालय ने रोहिंग्या मुस्लिमों को EWS फ्लैट्स में बसाने का कोई आदेश नहीं दिया है। दिल्ली सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों को नई जगह शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था। रोहिंग्या मुस्लिमों का प्रत्यर्पण किए जाने को लेकर गृह मंत्रालय पहले ही सम्बंधित देशों से संपर्क कर चुका है।

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अवैध घुसपैठियों को या तो डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है या फिर उन्हें उनके देश भेजा जाता है। साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार ने उक्त लोकेशन को अभी तक डिटेंशन सेंटर नहीं घोषित किया है, लेकिन उन्हें तुरंत ऐसा करने का आदेश दिया गया है। दरअसल, बुधवार को ही केंद्रीय आवास मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर फ्लैट्स दिए जाने की बात कही थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस आदेश का विरोध भी होने लगा.

वहीं इस पूरे मामले में VHP ने भी बयान जारी किया।

गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हमें प्रपोजल दिया था कि रोहिंग्या को नई लोकेशन पर शिफ्ट किया जाए। लेकिन, हमने उन्हें निर्देश दिया कि अवैध रोहिंग्या को अभी वहीं रखा जाए, जहां वे हैं। उनके डिपोर्टेशन की बातचीत चल रही है। तब तक उन्हें डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाएगा। दिल्ली सरकार ने उन जगहों को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया, जहां अवैध रोहिंग्या को रखा गया है। हमने उन्हें तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया है।

वहीं केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट कर जानकारी दी थी कि टेंटों में रह रहे 1100 रोहिंग्या मुस्लिमों को केंद्र सरकार फ्लैट्स देगी। साथ ही उन्हें मुलभुत सुविधाओं के साथ-साथ 24 घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा देने का ऐलान भी किया गया है। लोग इसके बाद पूछने लगे कि जहां पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थी इन सुविधाओं से दूर बेबस रह रहे हैं, ऐसे में रोहिंग्याओं पर इतनी दया क्यों? ट्वीटर पर लोगों ने सरकार से ये भी सवाल पूछा कि आखिर दिल्ली में सालों से बिना किसी सुविधा के रह रहे हिंदु शरणर्थियों का क्या कसूर है कि उन्हें पानी और बिजली जैसी सुविधाएं भी नहीं दी गई है ?

 

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