बिहार में जब से नीतीश जी ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार के रूप में शपथ लिया है तब से कुछ न कुछ विवाद सामने आ ही रहा है. अब देखिए ना बिहार सरकार के नए नवेले कानून मंत्री कार्तिक कुमार को लेकर एक बार फिर बिहार को जंगलराज की उपाधि दी जाने लगी है. रिपोर्ट के मुताबिक कानून मंत्री कार्तिक कुमार को जिस दिन एक अपहरण के केस में कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन राजभवन पहुंच कर उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का आशीर्वाद लेकर मंत्री पद की शपथ ले ली। बताया जा रहा है कि कार्तिक कुमार कोर्ट की नजर में 8 साल से फरार हैं।
जाहिर है जिस तरह से बिहार में रातों रात सियासी तूफान आया था उसके बीच नए कानून मंत्री के कारनामों की वजह से नीतीश सरकार की किरकिरी तय है. कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ मंत्री पद की शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर ही वारंट जारी हो गया है. कानून मंत्री कार्तिक कुमार ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि उन्होंने हलफनामे में सबकुछ बता दिया है. ऐसी कोई बात नहीं है.
वहीं कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट जारी होने पर जब सीएम नीतीश कुमार से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
बिहार के कानून मंत्री के खिलाफ वारंट, नीतीश कुमार ने कहा- मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं. pic.twitter.com/P1YS76Y1hj
— UnSeen India (@USIndia_) August 17, 2022
साभार-ट्वीटर
साभार-दैनिक भास्कर
बता दें आपको कार्तिक कुमार बिहार के दबंग छवि वाले नेता अनंत सिंह के काफी करीबी हैं. वहीं इस मामले में ये जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरफ से सख्त निर्देश हैं, जो दोषी होंगे, बख्शे नहीं जाएंगे। अपनों को बचाने वाले नहीं। इस बीच अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय दानापुर की तरफ से एक आदेश भी सामने आया है, जिसमें कार्तिक कुमार की गिरफ्तारी पर 1 सितंबर तक रोक लगा दिया गया है। यह आदेश मोकामा के थाना प्रभारी को दिया गया है। यह आदेश 12 अगस्त 2022 का है।
साभार-दैनिक भास्कर
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक पूरा मामला साल 2014 का है। पटना के बिहटा थाने में राजीव रंजन का 2014 में अपहरण हुआ था। इस मामले में कार्तिक कुमार पर अपहरण का केस दर्ज हुआ था। बिहटा थाने में उनके साथ 17 अन्य लोग भी आरोपित हैं, जिनमें पूर्व विधायक अनंत सिंह और बंटू सिंह भी शामिल हैं। इस मामले में कार्तिक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका फरवरी 2022 में ही हाई कोर्ट से खारिज की जा चुकी है। उन्हें कोर्ट के सामने सरेंडर करने और फिर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बेल के लिए अप्लाई करने का निर्देश दिया गया था।
वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी को नीतीश सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया. पूर्व डिप्टी CM और बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में बाहुबलियों का बोलबाला है। कानून मंत्री कार्तिक को तुरंत बर्खास्त करें।
Delhi | If Kartikeya Singh (RJD) had a warrant against him, he should have surrendered. But he has taken oath as Law minister. I ask Nitish, is he trying to take Bihar back to Lalu's times? Kartikey Singh should be immediately dismissed: Sushil Kumar Modi, BJP MP pic.twitter.com/VcGnzYn96F
— ANI (@ANI) August 17, 2022
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