तीन दशक पहले धर्मांध आतंकियों के कारण अपने घर छोड़कर गए कश्मीरी विस्थापितों को पहली बार न्याय की आस जगी है। कश्मीर में जबरन कब्जाई गई उनकी पुश्तैनी संपत्तियां वापस पाना अब उनके लिए आसान हो गया है। उन्हें अपने हक के लिए यहां-वहां ठोकरें नहीं खानी होंगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विस्थापितों की आनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल का लोकार्पण किया है। इन शिकायतों का लोेकसेवा अधिकार कानून के तहत तय समय में निवारण करना होगा।

आपको जानकारी हो कि 1989-90 में जम्मू कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही घाटी से बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर कश्मीरी हिंदुओं, को पलायन करना पड़ा। उस हालात में कई लोगों की सपंत्ति पर कब्जा कर लिया या फिर मजबूरी में उन्होंने औने-पौने दाम पर संपत्ति को बेचना पड़ा। उपराज्यपाल ने कहा कि यह सुविधा कश्मीर से बेघर हुए कश्मीरी हिंदुओं, सिखों और मुस्लिमों के लिए बड़ी राहत का काम करेगी। विस्थापित 1990 से जो तकलीफें उठा रहे हैं, उनका अंत इससे होगा।

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