झारखंड में ईसाई एजेंट हर जिले में अपना नेक्सस फैलाते जा रहे हैं, वो भोले-भाले आदिवासियों को अपने चंगुल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं, कहीं उन्हें पैसे का लालच देकर तो कहीं उनके बच्चों की शिक्षा के नाम पर, हर जगह धर्मांतरण का धंधा कर रहे हैं, लेकिन जहां इनका काम नहीं बनता वहां ये किसी भी हद तक जा सकते हैं .

ऐसी ही एक घटना सामने आयी है झारखंड के गुमला जिले से जहां हिंदू समाज की दलित महिला पर ईसाई मिशनरी उसे अपना धर्म बदलने का दबाव बना रहे थे . लेकिन वो किसी भी कीमत पर अपना हिंदू धर्म त्यागने को तैयार नहीं थी,  तो इन लोगों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उनकी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया .

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ पीड़ित महिला गुमला के जामडीह गांव की रहने वाले हैं, महिला ने कुरकुरा थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पीड़िता के मुताबिक, कुछ ग्रामीण उसके परिवार के सदस्यों को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए परेशान कर रहे हैं. महिला ने बताया कि दुष्कर्म के बाद से बच्ची अभी भी सदमे में हैं . गुमला पुलिस ने महिला की शिकायत दर्ज कर ली है और जांच में जुट गई है.

महिला ने बताया कि आरोपित 14 अगस्त को उसके घर आए और उसके परिवार से ईसाई मत अपनाने के लिए कहा। पीड़िता ने उन्हें कहा कि वह अपने हिन्दू धर्म से खुश है. ना सुनने के बाद सभी आरोपी हिंसक हो गए. उन्होंने घर पर अपना मजहबी झंडा फहराया और उसकी 16 साल की बेटी के साथ बलात्कार किया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे उससे शादी करेंगे और फिर उसे ईसाई बना देंगे. पीड़िता ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है.

जाहिर है झारखंड में भोले-भाले आदिवासी और दलित समुदाय ईसाई एजेंटों के निशाने पर है, लेकिन इस मामले में न तो कोई अर्बन नक्सली बोल रहा है और न ही कोई खुद को दलितों का मसीहा कहने वाले नेता. इस घटना के बाद मानो सबने चुप्पी साध ली है .

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.