27 जनवरी 2020, दिल्ली की वोटिंग से ठीक दस दिन पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा था कि शरजील इमाम ने देश के खिलाफ एक आपराधिक बयान दिया हैं और केंद्र सरकार को तुरंत शरजील इमाम को गिरफ्तार करना चाहिए।

चुनाव ख़तम, वोटिंग हो चुकी। केजरीवाल ने मुखौटा बदल लिया। शरजील इमाम गिरफ्तार हैं लेकिन केजरीवाल सरकार उस पर कई चलाने की परमिशन नहीं दे रही। ठीक वैसे ही जैसे “अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं” जैसे देशद्रोही नारे लगाने वालों को केजरीवाल ने बचाया था तीन साल तक।

ये देखिये दोनों खबरें :

इस प्रकार का सफ़ेद झूठ और चुनाव होते भी एकदम से रंग बदलना शायद देश के इतिहास में पहली बार हो रहा हैं। लेकिन ये पहली बार नहीं जब केजरीवाल सरकार देशद्रोहियों और आतंककादियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं।

दिसम्बर से फरवरी तक चले दिल्ली के दंगों में भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के कई मुस्लिम नेता सीधे शामिल पाए गये हैं।

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