वामपंथियों का गढ़ केरल न सिर्फ साक्षरता दर में शीर्ष पर बैठा है बल्कि यौन अपराधों में भी अव्वल होता जा रहा है. जी हां सही समझ रहे हैं आप केरल के मलप्पुरम से ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए हैं। यहां लगभग 30 सालों से अपने ही स्कूल की 50 से ज्यादा छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में पूर्व स्कूली शिक्षक और CPM नेता केवी शशिकुमार को शुक्रवार को केरल पुलिस ने गिरफ्तार किया ।
Kerala| Former school teacher & CPIM councillor- Sasi Kumar arrested under POCSO for molesting students for 30 yrs. Incident came to light when he put a post on Facebook about his retirement. A girl student commented below and later more girls commented. CPIM has suspended him. pic.twitter.com/88wLgbmUq8
— ANI (@ANI) May 14, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शशिकुमार ने शिक्षक रहते हुए कई लड़कियों से छेड़छाड़ और यौन शोषण किया। शशिकुमार ने दर्जनों लड़कियों के का रेप किया है। इन लड़कियों की उम्र उस समय 9 साल से 12 साल की थी। ये भी बात सामने आ रही है उनकी यौन हिंसा की शिकार दो लड़कियों ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की. शशिकुमार वर्तमान में CPM के नेता और मलप्पुरम नगरपालिका परिषद के सदस्य हैं। घटना सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने जांच के आदेश दिए हैं। वे इसी साल मार्च 2022 में स्कूल से सेवानिविृत्त हो गए थे।
केवी शशिकुमार के खिलाफ पहला सामने तब सामने आया, जब स्कूल की ही एक छात्रा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए उन पर आरोप लगाए। इसके बाद 50 से ज्यादा छात्राओं ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दी। छात्राओं की शिकायत के बाद महिला थाने में आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद ही शशिकुमार फरार हो गया था। इस मामले में छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है। छात्राओं ने बताया कि, उन्होंने 2019 में भी इस मामले को उठाया था। लेकिन स्कूल प्रबंधन की ओर से इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
भारत में यौन अपराधों के ग्राफ में इधर कुछ सालों में काफी इजाफा हुआ है जिसमें दक्षिण के राज्यों का आंकड़ा बेहद डराने वाला है. जिस तरह से केरल में ये मामला सामने आया है इससे यह तो साबित हो रहा है कि केरल और दक्षिण के कई राज्य भले ही शिक्षा के मामले में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले मजबूत और बेहतर स्थिति में हों लेकिन ऐसी शिक्षा का क्या महत्व जो नैतिक मूल्यों का चीरहरण कर दें? जो राज्य साक्षरता दर में शीर्ष पर बैठा है वो अब यौन अपराधों में भी वह अव्वल बनता जा रहा है. केरल में बढ़ रहे POCSO के मामले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. जिसके लिए निश्चित रूप से एक सख्त कानून लाने की जरुरत है .
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.