हिंदुओं को याद रहे इसलिए सन 1986 में ख़ालिस्तानियों द्वारा हिंदुओं द्वारा की गई हत्याओं की घटनाएं-
6 मार्च को कपूरथला में 31 हिंदुओं को गोली मारी गयी जिसमें से 18 मरे और 13 घायल हुए।
27 मार्च को अमृतसर में कम्युनिस्ट नेता अर्जन सिंह मस्ताना सहित 10 हिंदुओं को गोली मारी गयी।
28 मार्च को खत्री समाज के नेता कृशन सूद को हत्या लुधियाना में हुई। इस अंधाधुंध फ़ायरिंग में 32 हिंदुओं को गोलियों से भूना गया।
29 मार्च को जालंधर में 20 हिंदू मज़दूरों को आतंकियों ने गोलियों से भून दिया।
8 जून को फिर से अमृतसर में फिर से 10 हिंदुओं की हत्या कर दी गयी।
25 जून को बस सवार 15 हिंदुओं को उतारकर मुक्तसर में गोलियों से भून दिया गया।
17 सितम्बर को शिवसेनानेता को फ़िलौर में गोली मारी गयी।
30 अक्तूबर को ख़ालिस्तानियों ने बैंक लूटने की योजना बनाई,वहाँ जाकर उनका मन बदल गया और 5 बैंककर्मियों समेत 32 हिंदुओं की हत्या कर बैंक लूट लिया।
31 अक्तूबर को खूद्दा में फिर से ख़ालिस्तानियों ने स्थानीय मजदूर जो हिंदू थे उनको गोलियों से छलनी कर दिया, इसमें 30 हिंदू मज़दूर मारे गए।
30 नवम्बर को बस स यात्रा कर रहे लोगों में हिंदू बस यात्रियों की पहचान कर 50 हिंदुओं को चुन चुनकर गोली मार दी गयी।
उपर्युक्त यह सब वो आँकड़े हैं जो की अख़बारों ने रिपोर्ट किया है। जहां दो चार लोगों की हत्याएँ हुईं, न उनको कोई सुनने गया और न लिखने।
पंजाब के हिंदू, सिख, दलित सब इसी दिन को फिर से देखने के लिए पागल हो चुके हैं और उन्होंने अपनी प्रसन्नता से यह रास्ता चुना है।

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