एक तरफ जहाँ पूरा देश आज कोरोना संकट से जूझ रहा है, राज्य सरकारें और केंद्र युद्धस्तर पर कार्यरत हैं, फिर चाहे वो उत्तर प्रदेश में तेज़ी से तैयार किये जाने वाले ऑक्सीजन प्लांट हों, चाहे कुम्भ को विनती करके जल्दी समाप्त करवाने वाला उत्तराखंड हो या कोई अन्य राज्य हो, सब अपने स्तर पर इस महामारी से लड़ने में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत की राजधानी दिल्ली में बैठे मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के धूर्त सदस्य केंद्र पर छींटाकशी और आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हैं, दिल्ली की जनता को अब केवल भगवान् का भरोसा है, न समय रहते चिकित्सा सुविधाओं को ठीक किया गया, न अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था है और न ही कोई विधायक या मंत्री काम करता नज़र आ रहा है।

विडम्बना ये है की बिजली हाफ और पानी माफ़ का लालच देकर सत्ता प्राप्त करने वाले इन मक्कारों ने दिल्ली को बंधक बनाये फर्जी किसानों को फ्री Wifi, बिजली और पानी की व्यवस्था करने में जो तेजी दिखाई उसका 10% भी कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में दिखाई होती तो आज लोग यूँ मौत के सामने न खड़े होते, वही फ़र्ज़ी किसान अब ऑक्सीजन की सप्लाई दिल्ली आने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। आप अंदाज़ा लगाइये की केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री शिशोदिया ऑक्सीजन सिलिंडर को सोशल मीडिया के माध्यम से धमकी भरे अंदाज़ में मांग रहे हैं।

इन सब के बीच राहत की बात ये है की दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को केंद्र बड़ी बारीकी से देख रहा है, ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया जा चुका है और अस्पतालों में बेड कम पड़ने की स्थिति में होटल व अन्य जगहों को कोरोना उपचार हेतु काम में लिया जा रहा है।

फ्री का लालच कितना खतरनाक हो सकता है ये आप इस पूरे घटनाक्रम से समझ सकते हैं।

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