यूँ तो राहुल गाँधी के निरंतर अनर्गल प्रलाप और झूठ को अब कोई भी तवज्जो नहीं देता और यही कारण है कि देश पर पचास वर्षों से अधिक तक शासन में रही पार्टी आज पत्तन के सबसे निम्न स्तर पर पहुँच चुकी है और इसका सारा श्रेय भी खुद पार्टी के इन त्रिमूर्तियों को ही दिया जाता है। और जबसे केंद्र सरकार , मोदी भाजपा और देश तक के विरूद्ध की जाने वाली साजिश के लिए इनके टूल किट का खुलासा हुआ है उसके बाद तो कुछ कहने सुनने के लिए शेष बचता ही नहीं है।
राहुल गाँधी अपने अल्प ज्ञान और उससे भी अधिक साधारण शब्दों के उच्चारण में भी हास्यास्पद गलतियाँ करके खुद और पूरी पार्टी का मजाक उड़ाने का कारण अक्सर ही बनते रहे हैं किन्तु अब उनकी मनोस्थिति किस कदर असंतुलित हो गई है कि उन्हें खुद ही पता नहीं चल रहा कि , दूसरे का घर जलाने के चक्कर में वे खुद अपनी हाथों से अपनी झोंपड़ी फूंकने पर आमादा है।
हाल ही में राहुल गाँधी ने फिर एक बार ऐसा ही एक ट्वीट कर दिया जिसका निशाना वो लगाना तो भारत सरकार पर चाहते थे मगर जब उसका अर्थ निकला तो बहुत सी राज्य सरकारें जिनमे खुद कांग्रेस सत्ता में है वही शर्म सार हो गईं।
असल में न्यूयार्क टाइम्स की एक -संभावनाओं और प्रश्न चिन्ह लगा कर किसी भी खबर को भ्रामक बना देने जैसी ही एक खबर -को आधार बना कर भारत को बदनाम करने का मौक़ा पाते ही ही गिद्ध की तरह कह दिया कि कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में सरकार झूठ बोल रही है।
अब यही बात ठीक उनके उलट बैठ गई। कोरोना से अधिकतम मौतों की संख्या वाले राज्यों में महाराष्ट्र , पंजाब , केरल , दिल्ली , झारखण्ड आदि का नाम शामिल है जिनमें किसी में भी भाजपा की सरकार नहीं है और राहुल को शायद इतना भी भान नहीं है कि राज्यवार आँकड़े खुद राज्य सरकारों द्वारा जारी किये जाते हैं तो ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या राहुल गाँधी ये कहना चाहते हैं कि -महाराष्ट्र , पंजाब और केरल की राज्य सरकारों ने कोरोना से हुई मौतों की संख्या जान बूझ कर कम बताई है ? ट्विट्टर पर लोगों ने यही बात उन्हें लताड़ लगाते हुए बता दी।
मगर राहुल तो राहुल ठहरे , वे बदस्तूर अपने टूल किट के सहारे खुद को और अपनी ही पार्टी और उनकी सरकारों को फूल किट बनाने में लगे हुए हैं।
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