राजस्थान के जयपुर से दरिंदगी की ऐसी तस्वीर सामने आयी है जो आपको अंदर तक झकझोर देगी. आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या रोटी के एक टुकड़े के लिए कोई किसी की इज्जत के साथ खेल सकता है, लेकिन समाज में कई ऐसे हैवान इंसानियत का मुखौटा लगाए बैठे हैं जिनके अंदर के शैतान को आप नहीं देख पाएंगे.

22 साल की खानाबदोश आठ महीने की गर्भवती जयपुर के बांगड़ हॉस्पिटल के बाहर एम्बुलेंसकर्मियों से दो रोटी और अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी मांग रही थी लेकिन इनके अंदर का इंसान तो नहीं जागा लेकिन भेड़िया जरुर जागा , जिसके बाद एम्बुलेंसकर्मी रोटी खिलाने का झांसा देकर महिला को अपने साथी के साथ झालाना जंगल में ले गये जहां दोनों आरोपियों ने उसके साथ गैंग रेप किया। घटना के बाद पीडि़ता को वापस एसएमएस हॉस्पिटल के बाहर उतारकर दोनों आरोपी वहां से भाग निकले.

इतना ही नहीं दोनों ने पीड़ित महिला को कहा कि यह बात किसी को नहीं बताना, तुम्हें एक किलो देशी घी और 500 रुपए देंगे। डीसीपी ने बताया कि पीड़िता का पति सब्जी का ठेला लगाता है, लॉकडाउन लगने के कारण दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही थी. इसीलिए 8 महीने की गर्भवती महिला लोगों से मांगकर पेट भर रही थी।

जहिर है ऐसे में राज्य की गहलोत सरकार से सवाल पूछना तो लाजिमी है कि आखिर कांग्रेस के राज में बेटियां सुरक्षित क्यों नहीं हैं ? जो कांग्रेस हाथरस रेप कांड पर सड़क पर उतरकर इंसाफ की मांग करते हुए हो हल्ला मचा रही थी तो फिर राजस्थान पर इनके मुंह क्यों बंद हो जाते हैं, अगर यही कांड उत्तर प्रदेश में हुआ होता तो अब तक इन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांग लिया होता. इस मामले पर भाई-बहन की जोड़ी भला क्यों बोलेगी इन्होंने अपने मुख्यमंत्रियों को लाइसेंस जो दे रखा है। सिर्फ बीजेपी  शासित राज्यों में इनकी गिद्ध वाली नजर रहती है।

राजस्थान में जिस तरह से गंभीर अपराध बढ़े हैं उस पर चुप बैठने वाली प्रियंका गांधी ने किस तरह से हाथरस रेप कांड के नाम पर जहर फैलाया है ये सबने देखा है. दरअसल इनका मकसद ना किसी को इंसाफ दिलाना है, ना ही सच्चाई सबके सामने लाना है , इनका मकसद हिंदुओं को बांटना और मुसलमानों को एक करना। उसके लिए कांग्रेस पार्टी कुछ भी करेगी, किसी भी हद तक गिरेगी।

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