यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना के चलते लगातार जमीन पर दौरे कर रहे हैं। बुधवार को योगी आदित्यनाथ कुशीनगर के दौरे पर थे जब एक खूबसूरत वाकया वहां घटित हुआ। योगी आदित्यनाथ के पास 6 बरस की नन्ही बच्ची खुशबू आई और उसने उन्हें फूल भेंट करते हुए उनका अभिवादन किया.. बदले में योगी आदित्यनाथ ने उसके सिर पर आशीर्वाद का हाथ रखते हुए घर से चल रही उसकी पढ़ाई के बारे में पूछताछ की। इसके बाद 6 वर्ष की नन्ही बच्ची खुशबू ने योगी आदित्यनाथ को भगवान राधा कृष्ण की प्रतिमा भेंट करनी चाहिए मगर योगी आदित्यनाथ ने उसे लेने से इनकार कर दिया। विनम्रता पूर्वक योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रतिमा आप को मेरी तरफ से है।
अब आप याद कीजिए 2011 की उस तस्वीर को जिसमें एक मौलाना की टोपी पहनने से नरेंद्र मोदी ने इंकार कर दिया था और और फिर उसके बाद नई दिल्ली की लुटियन मीडिया ने नरेंद्र मोदी को फासिस्ट बताते हुए ऐसा प्रोपेगेंडा फैलाया था कि मानो भारत में मुसलमान और इस्लाम दोनों खतरे में आ गए हैं। नरेंद्र मोदी ने मौलाना से विनम्रता पूर्वक ही उस टोपी को लौटाया था और रजत शर्मा को दिए हुए अपने इंटरव्यू में पर्याप्त कारण बताए थे कि आखिर किस वजह से उन्होंने वह टोपी नहीं पहनी थी।
अब फर्क कीजिए और सोचिए कि योगी जी द्वारा भगवान की प्रतिमा वापस करने के बावजूद भी संसार में ना सनातन धर्म खतरे में आया और न हिंदुस्तान में हिंदू खतरे में आया। जबकि नरेंद्र मोदी के द्वारा विनम्रता पूर्वक टोपी लौटा दिए जाने के बाद देश में इस तरह से हल्ला मचा था कि मानो हिंदुस्तान में इस्लाम खतरे में आ गया हो। फर्क कीजिए और सोचिए कि आखिर इन दो विचारधाराओं के संस्कारों और थॉट प्रोसेस में सहनशीलता का ये बड़ा फर्क कैसे है।
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