सोचने की बात है, आतंकवाद की समस्या से पूरा विश्व जूझ रहा है। यूरोप मे तो हाहाकार मचा हुआ है। आखिर क्या कारण है कोई भी मीडिया इन घटनाओं का जिक्र तक नहीं कर रहा।

फ्रांस की न्यूज़ अजेंसी Breitbart के अनुसार विगत 22 सितम्बर को एक शख्स इस्लामिक बुर्का/ हिजाब पहन पेरिस की एक ऐतिहासिक सड़क पर गोलीबारी की। जांच कर्ताओं का मानना है ये हमला प्रायोजित था एवं वामपंथी फासिस्टों के द्वारा करवाया गया था।

https://www.breitbart.com/europe/2020/09/22/man-disguised-islamic-veil-opens-fire-paris-street

इस घटना से पूरे यूरोप को ये सोचने पर मजबूर कर देना चाहिए की आखिर ये आतंकवाद कब खत्म होगा तथा ये भी सोचना होगा की बुर्का वाकई किसी भी देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं है? इसके लिए लेख मे कुछ प्रमाण संलग्न हैं।

इस घटना ने हमें 2007 की लंदन हमले से संबन्धित एक घटना की याद दिला दी जब लंदन आतंकी हमले का जिम्मेदार यासीन उमर और उसके साथी अपराधी बुर्का पहन बर्मिंघम से फरार होने की चेष्टा कर रहा था। The Guardian की रिपोर्ट देखें

https://www.theguardian.com/uk/2007/feb/20/terrorism.world1

हालांकि फ्रांस ने बुर्के/ हिजाब को सार्वजनिक स्थलों मे पहनने से प्रतिबंधित किया हुआ लेकिन फ़्रांस के सेनेटर ने माना कुछ स्थानों बुर्का प्रतिबंधित नहीं था, शायद स्थानीय वामपंथी फासिस्टों के दबाव के कारण ऐसा हुआ होगा। ये ट्वीट देखें

मामला जो भी हो हम यही कहते भारत समेत आतंकवाद पूरे विश्व के लिए खतरा बन चुका है, वामपंथी कम्यूनिस्ट खुल कर आतंकवादियों का बचाव कर रहे। ऐसे मे विश्व समुदाय को संगठित हो आतंकवाद से मुक़ाबला करना होगा। तभी हम अपनी भावी पीढ़ी को आतंकवाद जैसे असुर से मुक्ति दिला पाएंगे।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.