प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि भारत देश लोकतंत्र की जननी है। भारत ने मानव जाति की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है भारत का राष्ट्रवाद ना तो संकीर्ण है और ना ही स्वार्थी है। भारत का राष्ट्रवाद सत्यम शिवम सुंदरम के मूल्यों पर आधारित है , हम नेता जी की जन्म शताब्दी तो मना रहे हैं मगर उनके सिखाएं हुए मूल्यों से हम चूक रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की ताकत हमारे देश की नसों में बैठी हुई है आपातकाल के बाद जैसे ही मौका लगा वैसे ही पुनः देश में लोकतंत्र की स्थापना हो गई हमें लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर दोबारा ऐसी गलती ना करें विपक्ष। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं जिसकी खाल उधेड़ सकें, भारत का लोकतंत्र समझने की विपक्ष कोशिश करें। मोदी ने कहा प्राचीन भारत में 80 गणतंत्र का वर्णन आता है भारत का लोकतंत्र आक्रामक नहीं है।

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