मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नक्शे कदम पर चलती नजर आ रही है. मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी अपने राज्य के उपद्रवियों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों का इलाज ठीक उसी तरह कर रहे हैं जैसा योगी जी अपने प्रदेश में करते हैं.

दरअसल एमपी के राजगढ़ जिले के जीरापुर में एक दलित दूल्‍हे और उसकी बारात पर पथराव करने वालों को खुलेआम शिवराज सरकार ने ऐसी सजा दी है कि वो दोबारा ऐसी हरकत करने से पहले सौ दफे सोचेंगे. दरअसल प्रशासन ने बारात पर पथराव करने वालों के घरों पर बुलडोजर चला कर उनके घरों को जमींदोज कर दिया. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों समर, फरहान, जुनेद, सोहेल, साबिर, अनस कसाई, डग्गा खान पर केस दर्ज किया है साथ ही इनमें से 6 के शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित कर दिये गये हैं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कस्‍बे में बारात एक धार्मिक स्थल के नजदीक से जब गुजर रही थी तभी वहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उपद्रव मचाना शुरु कर दिया. मुस्लिम समुदाय के कुछ युवक बारात में पहुंच गए और वहां चल रहा डीजे बंद करवा दिया. उन लोगों ने बारातियों पर पत्थर बरसाना भी शुरु कर दिया था। पत्‍थरबाजी की इस घटना से बारात में अफरातफरी मच गई. पत्थर की मार से कुछ बारातियों को चोटें भी आई थीं।

हमारी एक विडंबना ये भी है जैसे ही किसी विशेष समुदाय वालों पर सरकार कोई कार्रवाई करती है उनकी हिमायती कांग्रेस पार्टी के नेता उनके बचाव में सामने आ जाते हैं. देखिए ना इस मामले में भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति शुरू कर दी है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सभी आरोपियों को न केवल निर्दोष बताया बल्कि उनके घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई की भी निंदा की है. उनका कहना है कि आरोपियों को गिरफ्तार तो कर ही लिया गया है ऐसे में निर्दोषों के घरों पर ये कार्रवाई सही नहीं है। कांग्रेस का यही रुख हमलोगों ने खरगौन हिंसा के समय भी देखा है जब दंगाईयों को बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बड़े-बड़े ट्वीट किये थे.

साभार-सोशल मीडिया

खैर मामा जी तो मामजी ठहरे. ऐसे थोड़े ही दंगाईयों और राज्य में हिंसा करने वालों को रहने देंगे. वैसे लोगों का पूरा इलाज कर के ही वे दम लेंगे .

 

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