मुनव्वर राना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले एफआईआर, फिर बेटे की गिरफ्तारी और अब हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस बीच गुरुवार देर रात तबीयत भी खराब हो गई। राना को एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दरअसल महर्षि वल्मीकि पर दिए हुए बयान के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मुकदमे में राहत देने की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है। इसके साथ ही गुरुवार देर रात उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें पीजीआई अस्पताल में एडमिट करना पड़ा।
बीते 21 अगस्त को मुनव्वर राना के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और शांति भंग करने की धारा समेत रासुका और एससी-एसटी के तहत मुकदमा दर्ज करवाने के लिए हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी गई थी। इसके बाद हज़रतगंज थाने में आईपीसी की धारा 153A, 505 (1B), 295A, एससी/एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
मुनव्वर राना ने अपने एक बयान में कहा था कि वाल्मीकि जी पहले क्या थे और बाद में क्या हो गए? तालिबानी भी पहले से बदल चुके हैं। अब पहले जैसा माहौल नहीं है। शायर राना ने बामियान में तालिबानियों के बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट करने पर कहा कि भारत में तो राम मंदिर बनाने के लिए मस्जिद तोड़ दिया, आप उसे क्या कहिएगा? क्या यह पवित्र कार्य था?
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