बिहार के मुंगेर में जिस तरह से पुलिस ने लाठीचार्ज किया है उसको लेकर पूरे देश में गुस्से की लहर है। देश सवाल पूछ रहा है कि जब दूसरे समुदाय के लोग सड़क पर पांच बार नमाज पढ़ सकते हैं तो हम साल में एक बार दुर्गा पूजा क्यों नहीं कर सकते? जिस तरह से बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा के जुलूस पर पुलिस ने घेरकर लाठीचार्ज किया है उससे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस की यह बर्बरता और यह लाठियां उस समय कहां गायब हो जाती है जब सड़क घेरकर ट्रैफिक रोककर दिन में 5 बार समुदाय विशेष द्वारा नमाज पढ़ी जाती है।

गौरतलब है कि मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में तकरीबन 30-35 लोग घायल हुए और एक युवक की इस घटना में मौत हो गई। इस घटना का वीडियो सामने आते ही पूरे देश में इस बर्बर कार्रवाई के खिलाफ गुस्से का माहौल बन गया था। ऐसे में जनता द्वारा सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर कानून के मापदंड दो अलग धर्मों के लिए अलग अलग कैसे हो सकते हैं? देश की जनता जानना चाहती है कि यदि मुंगेर में साल में एक बार की जा रही दुर्गा प्रतिमा विसर्जन में इस तरह का बर्बर लाठीचार्ज किया जाता है तो 365 दिन ट्रैफिक रोककर नमाज़ पढ़ने वालों के खिलाफ कानून कार्रवाई क्यों नहीं करता है।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.