कोरोना काल में जिस तरह से पतंजलि योगपीठ ने ‘कोरोनिल’ नामक शस्त्र को मनुष्यता की हिफाजत के लिए बनाया है तभी से करोड़ों देशवासियों का मनोबल इस लड़ाई में बेहद ऊंचा है। कोरोना की दूसरी लहर के आते ही दो बातें हुई एक तो पतंजलि के सामान मार्केट से गायब होने लगे क्योंकि उनकी खपत बहुत ज्यादा हो गई थी और दूसरा यह हुआ कि इस बात से तिलमिलाए लिबरल ,शाहीन बाग गैंग ने बाबा रामदेव पर और ज्यादा हमले करने शुरू कर दिए। वर्तमान में चल रहे IMA विवाद को भी और ज्यादा तूल सिर्फ इसी नजरिये के मद्देनजर दिया जा रहा है ताकि बाबा रामदेव के गेरुआ के प्रति नफरत को आगे बढाया जा सके।

बाबा रामदेव की ‘कोरोनिल’ को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है कि आखिर ये इस लड़ाई में कितनी कारगर है। अप्रैल-मई के महीनों में मार्किट से गायब हुई ‘कोरोनिल’ को लेकर तमाम तरह की अटकलें चल रही थीं, KreatelyMedia ने इस बाबत एक खबर भी प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि ‘कोरोनिल’ मार्किट से गायब इसलिए हुई क्योंकि तमाम शांतिप्रिय समुदाय के लोगों ने भी एकाएक इसकी खपत करनी शुरू कर दी थी। अब एक सर्वे सामने आया है, KreatelyMedia की टीम ने मुस्लिम बहुल इलाकों के आसपास मौजूद पतंजलि स्टोर कीपर्स से कुछ आंकड़े जुटाए हैं…सर्वे के मुताबिक पिछले 2 महीनों में मुस्लिम बहुल इलाकों में भी पतंजलि योगपीठ की बनाई हुई ‘कोरोनिल’ किट और अन्य दूसरे उत्पादों की बिक्री में बेतहाशा वृद्धि महसूस की गई है। 


जब हमारी टीम के मेंबर्स ने दिल्ली के सीलमपुर, जाफराबाद, नूर ए इलाही, उस्मानपुर …उत्तर प्रदेश के मेरठ ,बरेली, सहारनपुर, रामपुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर जैसे इलाकों में मौजूद पतंजलि स्टोरकीपर्स से फोन पर बातचीत की तो हमें मालूम चला कि कोरोना दूसरी लहर के समय कोरोनिल की बिक्री बेतहाशा बढ़ गई थी और इसी के चलते मार्केट में कोरोनिल मिल नहीं रही थी। नाम न छापने की शर्त पर कुछ स्टोर कीपर ने बताया कि उनके कई मुस्लिम दोस्त फोन पर ही उनसे कोरोनिल किट मंगा लेते हैं क्योंकि स्टोर पर आने में उन्हें अजीब लगता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ दूसरे दुकानदारों के मुताबिक कई मुस्लिम ऐसे भी हैं जो अब खुलकर कोरोनिल का सेवन कर रहे हैं इसके अलावा गिलोय घनवटी को भी खरीदने में मुस्लिम जनसंख्या पीछे नहीं रही है।


जाहिर है जब हमने इन इलाकों में मौजूद स्टोरकीपर्स से फोन पर बातचीत की तो सभी ने विवाद में ना पढ़ने की शर्त पर अपना नाम नहीं बताया और कहा कि कोरोना वायरस के समय में पतंजलि उत्पादों पर जनता का भरोसा बेहद बड़ा है और इसमें बहुत बड़ी संख्या मुस्लिम जनसंख्या की भी है। जो बेशक सामने बाबा रामदेव के खिलाफ उल जलूल बयान देते हैं मगर छिपकर उनके हर उत्पाद का सेवन करते हैं।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.