जब नरेंद्र मोदी जी जैसा देश में दमदार प्रधानमंत्री जो ,हर तरह से भ्रष्टाचार को कुचलने में समर्थ हो ,और देश में किसी भी तरह काले धन के खिलाफ हो ,ऐसे लोग जब कानूनी कार्रवाई करने लगते हैं ,तो यही भ्रष्टाचारी नेता जिन्होंने कांग्रेस राज में देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी ,अपने बिल से बिलबिलाते हुए निकलते हैं और जब इन्हें कोई उपाय नहीं दिखता, तो सुप्रीम कोर्ट में यह मानव अधिकार के बहाने चले जाते हैं और इसका नेतृत्व कर रहे थी कांग्रेस पार्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने एक सुर में इस मामले को निरस्त कर भ्रष्टाचारी पार्टियों को कड़ा संदेश देने का काम किया है।
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14 भ्रष्टाचारी पार्टियों ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के “मनमाने उपयोग” का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पार्टियां हैं:
कांग्रेस द्रमुक राजद बीआरएस टीएमसी एएपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शिवसेना (यूबीटी) झामुमो जद (यू) भाकपा(एम) भाकपा समाजवादी पार्टी जम्मू और कश्मीर राष्ट्रीय सम्मेलन प्रमुख है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में या बिल्कुल साफ कहा की जब आप कहते हैं कि विपक्ष के लिए कोई जगह नही बची है तब यह पूरी तरह से राजनितिक मामला हो जाता है जिसका निराकरण कोर्ट में नहीं किया जा सकता। इसके लिए आपको राजनीतिक रूप से अपनी जगह बनानी होगी।
वह विपक्ष के द्वारा इस केस को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी जी देख रहे थे जिन्होंने ट्विटर के माध्यम से बयान दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके पूरे मामले को सुना है और उन्हें केस वापस लेने को कहा है हां है तथा जब भी व्यक्तिगत दिक्कत हो तो कोर्ट में आने को कहा है क्योंकि यह सामूहिक मामला है तो इसको नहीं सुन सकते।
परंतु एक बात तो तय है कैसे भ्रष्टाचारी लोग जब भी इनके भ्रष्टाचार का मामला उजागर होता है ,तो कभी मानव अधिकार के बहाने ,कभी सुप्रीम कोर्ट के बहाने ,कभी येन केन प्रकरण के बहाने ,अपने आप को बचाने की कोशिश करते हैं, पर इस तरह के मामले में जब सुप्रीम कोर्ट से इस तरह का निर्णय है तो पूरे देश के लिए यह स्वागत योग्य कदम होता है।
image source:Bar and Bench
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