आखिरकार भारत को तोड़ने की कोशिश करने वाले चरमपंथी इस्लामी संगठन PFI का नंबर आ ही गया जब एक के बाद 10 से ज्यादा राज्यों में धड़ल्ले से PFI के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. गुरुवार सुबह से ही NIA और ED की टीम PFI के ठिकानों और उससे जुड़े लिंक पर केरल और तमिलनाडु समेत देशभर के 10 से ज्यादा राज्यों में छापेमारी कर रही है.

पीएफआई से जुड़े लोगों पर टेरर फंडिंग और कैंप चलाने के मामले में ईडी और एनआईए ने राज्य पुलिस बलों की टीम के साथ दिल्ली,यूपी, बिहार, बंगाल,केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में छापेमारी की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये छापेमारी आतंकी गतिविधियों के संचालन, ट्रेनिंग कैंप चलाने और प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल व्यक्तियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में की जा रही है.

वहीं खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक, केरल सहित देश के 12 राज्यों में PFI के 50 ठिकानों पर NIA और ED की रेड में अब तक 100 से ज्यादा पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही एनआईए ने पीएफआई अध्यक्ष ओमा सलाम को भी हिरासत में लिया है. वहीं इस बीच रेड के विरोध में PFI के कार्यकर्ता कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है।

दरअसल PFI जैसा इस्लामी संगठन कई सालों से देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाया जा चुका है। यही कारण है कि इस संगठन पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की पैनी निगाह थी. PFI जैसा संगठन भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के सपने देखता है और वह देश में इस्लामिक कट्टरता बढ़ाने की कोशिशों में जुटा रहता है। ये संगठन जब भी सुर्ख़ियों में पाया गया है तो वो भारत विरोधी एजेंडे के लिए ही काम करता दिखा है. इसका मकसद ही है भारत का एक और विभाजन करना है, जिससे वह अपने पैर और मजबूत कर सके।

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