अब गए वो जमाने जब आप , अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कला के प्रदर्शन के नाम पर दूसरे धर्मों को , उनके प्रतीकों मान्यताओं को जान बूझ कर हास परिहास अपमान करने का विषय बनाएंगे और थोड़े समय बाद माफ़ी मांगने का प्रपंच करके धूर्त्तता से अपने अपराध को छुपा कर बच निकलेंगे।

आज सर्वोच्च न्यायालय ने दूसरे धर्मों को निशाना बना कर जानबूझ कर उन्हें अपमानित करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर सख्त नाराज़गी जताते हुए ताण्डव टीम की अग्रिम जमानत याचिका को सिरे से खारिज कर दिया ,जिससे अब टीम तांडव के ऊपर गिरफ़्तारी की तलवार लटकने लगी है।

असल में तांडव वेब सीरीज़ में दिखाए गए आपत्तिजनक अंशों से स्थापित अपराधों के लिए पूरे देश भर दर्जनों मुक़दमे इस वेब धारावाहिक से जुड़ी पूरी टीम पर दर्ज़ कर लिए गए हैं। अब विभिन्न राज्यों की पुलिस कार्रवाई करने और इन्हें गिरफ्तार करने पहुचं रही है तो उससे सुरक्षित रहने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाईं गई थी जिसे न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए ठुकरा दिया।

अभी कल ही मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारा भी ,दुसरे धर्मों , मान्यताओं ,प्रतीकों और देवी देवताओ तक का उपहास उड़ा कर पैसा कमाने की मानसिकता पर गहरा खेद व्यक्त करते हुए फारूकी की ज़मानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

दूसरी तरफ ईश निंदा और सनातन ,हिन्दू धर्म , देवी देवताओं पर साजिशन किए जा रहे हमले से आहत और उद्वेलित लोग सरकार से ईश निंदा के विरुद्ध कठोर क़ानून लाए जाने की भी माँग करने लगे हैं। बहरहाल जो भी हो , अब टीम ताण्डव को अपने किए अपराध की गंभीरता का एहसास हो सकेगा और शायद दूसरों को भी इससे सबक मिल सकेगा।

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