पाकिस्तान में वर्तमान में जिस तरह से गृह युद्ध चल रहा है उस पर टकटकी लगाकर दुनिया देख रही है कि आखिर पाकिस्तान कितने टुकड़ों में बंटने जा रहा है। अभी हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ तौर पर यह कहा कि पाकिस्तान में चल रहे विद्रोह में 90 फ़ीसदी विदेशी मीडिया हैंडल्स दुष्प्रचार फैला रहे हैं। तो ऐसा क्या है कि विदेशी मीडिया हैंडल्स पाकिस्तान में विद्रोह की इस आग को परवान चढ़ा रहे हैं। आखिर पाकिस्तान क्यों अपनी ही इस्लामिक कट्टरता की आग से जल रहा है। 
दरअसल बीते कुछ सालों से जिस तरह से पाकिस्तान कट्टरपंथी विचारधारा की नर्सरी बनकर आतंकियों के जहरीले पेड़ उगा रहा है उसकी चोट पूरी दुनिया ने महसुस की है। यूरोप के कई देशों में कट्टरपंथी हमलों में पाकिस्तान के युवाओं की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भागीदारी देखने को मिली है, जिसके चलते यूरोप के कई देशों की मशीनरी पाकिस्तानी हुकूमत से परेशान रही है। पाकिस्तानी हुकूमत कभी भी इन कट्टरपंथी ताकतों को काबू करना नहीं चाहती है क्योंकि यही सोच पाकिस्तान के जन्म का मूल आधार है। 
सूत्रों के मुताबिक एशिया और यूरोप के कुछ देशों की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान में चले इस विद्रोह में खूब दिलचस्पी दिखाई है। नाम न छापने की शर्त पर RAW के एक पूर्व अधिकारी के मुताबिक ईरान, इजराइल, फ्रांस की खुफिया एजेंसियों की पूरी नजर पाकिस्तान के इस अंदरूनी विद्रोह पर रही है। इन देशों की एजेंसियों की मंशा थी कि पाकिस्तान को कई टुकड़ों में बांट दिया जाए, ताकि पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतें आपस में लड़कर ही खत्म हो जाएं और दुनिया के अन्य दूसरे देशों पर उसका कुप्रभाव ना पड़े। एक बार पाकिस्तान कई टुकड़ों मे बंट गया तो इन टुकड़ों के कट्टरपंथी आपस में भिड़े रहेंगे और दुनिया के अन्य दूसरे देशों पर हमला करने के लिए इनके पास समय नहीं बचेगा।

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