वाह रे वाह रे उधौ – गजब रे भैया गजब! शिवसेना के नेता आज राजीव गान्ही के फोटो पर माल्यार्पण कइले आर ई प्रेम देखकर आँखिन के किनोर भीज गइल हो! पप्पुआ के पापा के बड्डे रहल आर पप्पू के चचा सब भुला का फोटो पर माला चढ़ैले। अइसन दोस्ती देखकर केकर मन नाही बदल जाला। एक रहिन बाला साहेब और एक हैं हुनकर बबुआ और एक ठे बकलोल पोता! भोजपुरी में एक कहावत है कि “भोला गइलें टोला प, खेत भइल बटोहिया, भोला के लइका भइल ले गइल सिपहिया” इसका अर्थ है “ना घर का ना घाट का”… आज उधौ का यह चित्र देखकर यह कहावत इसलिए याद आयी क्योंकि शिवसेना का हाल धोबी के कुकुर जैसा ही हो गया है.
इस चित्र में देखिये – शिव सेना प्रमुख अपने कुपुत्र को करबद्ध देख रहे हैं और वह पक्का सोच रहे होंगे कि उनका बेटा इतना नालायक कैसे हो गया. किसी जमाने में बाला साहेब ठाकरे ने कहा था कि इनके सामने सिर्फ हिजड़े ही झुक सकते हैं…… आज देख लीजिये क्या से क्या हो गया…. कुर्सी तेरे प्यार में…. वैसे अच्छा है, बड़े पप्पू को चाचा मिला है, छोटे पप्पू को सीनियर पप्पू जैसा बड़ा भैया! वाह वाह रे राजनीति, वाह वाह! कैसे कैसे दिन दिखलाए, गदहे को भी बाप बताए! शिव सेना सोनिया सेना बन जाए!
वैसे आज अगर बालासाहेब जिंदा होते तो शरम से पानी पानी हो जाते!
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