जैसा कि मैं अपने पिछले आलेखों में भी बताता रहा हूँ कि इस समय देश के दो मुग़ल बाहुल्य राज्य वहां के शासकों के संरक्षण में धीरे धीरे पूरी तरह से मुग़ल प्रदेश बनने के रास्ते पर अग्रसर हैं। पहला है जय श्री राम के नारे से चिढ़ने वाली ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल और दूसरा है अपने यहां से ISISI के लिए जेहादी एक्सपोर्ट करने का अड्डा बन चुका केरल।

अब वहां से एक नए और खतरनाक षड्यंत्र रचे जाने का समाचार मिल रहा है। केरल में दलित महिलाओं को पहले प्रताड़ित करके गाँव ,मुहल्ला और कस्बा छोड़ कर भागने को विवश किया जाता है और फिर एक ढकी छुपी साजिश के तहत उन्हें नया घर ,नई नौकरी देने के बहाने मुग़ल बनाने की कोशिस की जा रही है।

चित्रलेखा नामक एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर को मार्क्सवादी दबंगों द्वारा जाति के नाम पर पहले उत्पीड़न करके गाँव से निकाल दिया गया। इसकी खबर मिलते ही PFI जो की केरल में घटने वाली बहुत सी आतंकी वारदातों में शामिल रहा है उसने चित्रलेखा को संरक्षण , नया घर और नई नौकरी की पेशकश इस शर्त पर की कि वो मुस्लिम धर्म अपना ले।

इन परिस्थितयों में चित्रलेखा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आहत होकर ये घोषणा कर दी कि वो भी मुगलिया मज़हब अपना रही है।

ईसा और मूसा दोनों मिल कर जिस सनातन को हरा करने की जद्दोज़हद में लगे हैं वो ये बार बार भूल रहे हैं की ये नया भारत है ,बदला हुआ और जागा हुआ हिन्दुस्तान है। इसलिए अब इन दोनों की आतंक और मज़हबी जेहाद की सारी दुकानें न सिर्फ बंद हो जाएंगी बल्कि ऐसा मुकम्मल इलाज होगा कि भविष्य की पीढ़ियाँ उसकी दास्ताँ गर्व पूर्वक सुनाएंगी।

जय हिन्द ,जय भारत।

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