वो 80 का दशक था, कांग्रेस अपने चरम पर थी, भारत की स्वतंत्रता को लगभग 40 वर्ष पूरे हो चुके थे फिर भी देश में कानून व्यवस्था कैसी थी इसका अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं की एक सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति में जन्मी एक लड़की का सामूहिक बलात्कार किया गया और ऐसा एक दिन नहीं बल्कि 3 सप्ताह तक हुआ पर कोई FIR तक दर्ज नहीं हुई, परिणामस्वरूप फूलन देवी ने हथियार उठाया और एक ही गाँव के 21 लोगों को गोलियों से भून डाला, इसपर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई यहाँ तक की तत्कालीन मुख्यमंत्री वी पी सिंह ने इस्तीफा देकर स्वयं को मुक्त कर लिया। खैर समय ने करवट ली और कुछ समय बाद फूलन देवी ने आत्मसमर्पण कर दिया और समाजवादी पार्टी की सदस्य्ता लेकर चुनाव लड़ा और सांसद बनकर संसद भवन पहुँच गईं।

आप केवल फूलन देवी तक सिमित मत होइए, उस समय के कानून व्यवस्था के स्तर ने भारत में फूलन देवी, निर्भय गुज्जर, पान सिंह तोमर, सुल्ताना डाकू, सीमा परिहार, मान सिंह, वीरप्पन जैसे अनेक नामी डकैत दिए, जिनके मूल में जाएँ तो आपको पता चलेगा की उस समय सरकार नाम की कोई चीज़ थी ही नहीं, नेताओं को ऐयाशी विरासत में मिलती थी जिसका आधार भारत के पहले प्रधानमंत्री और उनका स्केंडलबाज़ परिवार हुआ करता था। देश और संसाधनों को अपनी बपौती माना जाता था, तब प्रधानमंत्री स्वयं कहता था की हम 100 पैसे भेजते हैं तो नीचे 10 पैसे ही पहुँचते थे, भारत में जातिवाद, भेदभाव अपराध चरम पर था पर, सत्ता की हनक ऐसी की सवाल पूछने की हिम्मत नहीं होती थी, कांग्रेस में कम से कम ये विरासत आज भी ज़िंदा है, आप इटालियन मैडम से कोई प्रश्न भर कर लीजिये आपको लात मार कर निकाला जाएगा, खैर आज देश की स्थिति काफी बदली हुई है जिसका श्रेय निश्चित रूप से भाजपा को जाता है, भाजपा के सत्ता में आने के बाद न केवल चम्बल ने डाकू देने बंद कर दिए बल्कि बोडो जैसे संगठनों ने हथियार छोड़कर सरकार में भरोसा दिखाया।

नक्सलवाद एक समस्या अवश्य है पर उसके आका क्यूंकि शहरों में सफ़ेद कपडे पहने बैठे हैं अतः उनके इलाज़ में थोड़ा समय लग रहा है पर इलाज़ पक्का होगा ये सबको स्पष्ट है, आज का प्रधानमंत्री खुद को देश का मालिक नहीं चौकीदार कहता है, आम जनता से संवाद करता है और उसके हर निर्णय के मूल में देशहित होता है, सत्ता के लालची अपने अपने पैंतरे अपना रहे हैं पर क्यूंकि जनता आज सरकार के साथ है इसलिए इनके हथकंडे अब चलते नहीं, हम सभी को अपनी चुनी हुई सरकार पर भरोसा रखना होगा ताकि भविष्य में वो लोग सत्ता में न आ सकें जिनकी वजह से बेटियां फूलन देवी और बेटे पान सिंह तोमर बनने पर मज़बूर होते थे।

आज भारत की बेटियां बंदूक उठाती हैं तो मेडल लाती हैं, अब किसी पान सिंह तोमर को बीहड़ों में और वीरप्पन को जंगलों में भटकना नही पड़ता, ये आपके एक वोट की ताकत है, इस ताकत का सही प्रयोग समाज मे बड़ा परिवर्तन ला सकता है अतः इसका प्रयोग बुद्धिमत्ता से करें।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.