दिल्ली सरकार , राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रदूषण को दूर करने के लिए कितनी शिद्दत से लगी हुई है इसका प्रमाण अभी हाल ही में जारी किए गए आंकड़े से पता चल जाता है ।

इसके अनुसार , केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण से संबंधित विज्ञापनों पर ,स्वाभाविक रूप से अपनी फोटो के साथ वाले पोस्टरों , संदेशों आदि पर पिछले सात वर्ष में ही मात्र 940 करोड़ की भारी भरकम राशि खर्च कर दी । बताइए भला इससे ईमानदार कोशिश और क्या हो सकती है और इससे ज्यादा सरकार करे भी तो क्या करे ???

ज्ञात हो कि ,पिछले कई वर्षों से हिन्दू त्यौहारों पर तरह तरह की बंदिशें लगाने वाले केजरीवाल द्वारा पटाखों पर पूर्ण पाबन्दी लगाने के बावजूद भी दिल्ली के प्रदूषण स्तर में रत्ती भर भी सुधार न हुआ है ।

विशेषज्ञों की मानें तो कभी ऑड ईवन तो कभी रेड लाईट ऑन – गाड़ी ऑफ जैसी लुभावनी मगर बिल्कुल अप्रायोगिक योजनाओं के नाम पर अथाह धन ख़र्च कर आत्म प्रचार करने से बेहतर होता कि सरकार गंभीरता पूर्वक इस दिशा में कुछ सोचती करती ।।

बात बात पर सबको सब कुछ मुफ्त बाँटने के लिए लालायित केजरीवाल सरकार , प्रदूषण भी मुफ्त दे रही है । अफसोस की बात ये है कि ये लोग राजनीति को ठीक करने और भ्रष्टाचार को हटाने के नाम पर सत्ता पर काबिज हो जाते हैं ।।

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