कांग्रेस शासित राजस्थान में महिलाओं और बेटियों के खिलाफ जुर्म और अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में करौली जिले में जो दंगे हुए उसमें न सिर्फ राजस्थान जला बल्कि उसकी चपेट में कई और दूसरे राज्य भी आए. जिसमें इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं को निशाना बनाया . वहीं महिलाओं और मासूम बेटियों के खिलाफ बढ़ रहे अपराध ने गहलोत सरकार की नाकामियों को सामने ला दिया है.  हाल के दिनों में दुष्कर्म के कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिसकी वजह से राजस्थान का क्राइम ग्राफ उंचाईयों को छूता जा रहा है. कांग्रेस सरकार खुद ही पार्टी की अनबन और डूबती नैया को पार लगाने में व्यस्त है . ऐसे में सरकार की आंखों के सामने अपराध हो रहा है, अपराध करने के बाद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन सरकार को अपनी राजनीति से फुर्सत मिले तब ना वो महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सोचे .

लेकिन इस बीच NCW यानि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजस्थान की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि नाबालिगों के साथ भी हर दूसरे दिन कोई बड़ी घटना घट रही है। राजस्थान में कानून व्यवस्था का डर अपराधियों में खत्म हो गया है । अपराधियों को जल्द पकड़ कर जेल में बंद करने में सरकार और प्रशासन की कोई शाबासी नहीं है, सवाल ये है कि अपराध थम नहीं रहे हैं। लगातार बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा गुरुवार को दौसा पहुंचीं। उन्होंने रामगढ़ पचवारा में 32 साल की महिला से दो युवकों द्वारा रेप के बाद हत्या के मामले में दौसा एसपी राजकुमार गुप्ता और डिप्टी एसपी सत्यनारायण यादव से घटनाक्रम की जानकारी ली। शर्मा दौसा से रामगढ़ पचवारा भी गईं। उन्होंने गांवों की परिवहन व्यवस्था पर भी सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि गांव तक कनेक्टिविटी ही नहीं है। धूप में अपने गांव से छह किलोमीटर पैदल जा रही महिला को लिफ्ट लेनी पड़ी। अगर गांव तक कोई बस जाती तो महिला के साथ न तो रेप होता न उसकी हत्या होती। जिस बच्चे ने घटना का क्लू दिया, वह खुद रोजाना लिफ्ट लेकर स्कूल से घर आता है। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बात करते हैं तो उनका जवाब होता है कि रेप के 80 फीसदी मामले झूठे होते हैं। अगर पहले ही ऐसी मानसिकता के साथ पुलिस काम करेगी तो महिलाओं को न्याय कैसे मिलेगा .

उनका कहना था कि अपराध के खिलाफ कार्रवाई होना ही काफी नहीं है। कानून का डर लोगों में होना चाहिए। ऐसे लोगों को तुरंत पकड़ा जाए, जल्द से जल्द सख्त सजा दी जाए। दौसा की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दौसा में अपराधियों ने दिन के 11 बजे अपहरण किया, रेप किया और रात में डेडबॉडी को कुएं में फेंक कर आए। इस दौरान उन्हें किसी तरह का डर नहीं था।

वैसे ये सिर्फ दौसा में ही नहीं हुआ बल्कि भरतपुर जिले में एक देवर के सामने ही उसकी भाभी के साथ 6 लोगों ने बन्दूक की नोक पर गैंगरेप किया। बदमाशों ने देवर के सिर पर बन्दूक रखकर महिला के साथ दुष्कर्म किया।

दरअसल राजस्थान में जिस तरह से गैंगरेप और पोक्सो एक्ट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं वो बेहद ही चिंता का विषय है. पुलिस मुख्यालय की तरफ से तैयार किए गए एक आंकड़े के मुताबिक 2020 के मुकाबले 2022 तक सामूहिक दुष्कर्म के 104 फीसदी मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं. वहीं 2021 के मुकाबले 2022 के मार्च तक 35 फीसदी मामले सामूहिक दुष्कर्म के ज्यादा दर्ज हुए हैं.

साभार-ट्वीटर

जाहिर है कुछ इसी तरह का अपराध अगर बीजेपी शासित प्रदेशों में होता तो अब तक भाई-बहन की जोड़ी से लेकर कांग्रेस के बचे-खुचे नेता सड़कों पर उतर आते लेकिन जब यही घटना कांग्रेस शासित प्रदेश में हो रही है तो सरकार मुंह पर फेवीकॉल लगा कर बैठी है. देखा जाए तो वो करें भी तो क्या जब तक कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कुछ बोलने की हरी झंडी नहीं मिल जाती वे कैसे कुछ भी बोल सकते हैं….

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