अभी हाल ही में ट्विटर ने भारत सरकार को अपना जवाब दिया था जिसमें उसने लोकतंत्र भाषण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे तमाम जुमलो को उछाला था । केंद्र सरकार ने भी ट्विटर को करारी भाषा में जवाब दिया है । केंद्र सरकार ने ट्विटर के इस बयान का यह कहते हुए खंडन किया कि सोशल मीडिया इंटरमीडियरी का स्टेटमेंट दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अपनी शर्तों को डिक्टेट करने का प्रयास है। ट्विटर देश की कानूनी व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने कहा कि ट्विटर को यहां वहां की बात न करते हुए देश के कानूनों का पालन करने की जरुरत है। कानून बनाना और नीति तैयार करना संप्रभु देश का एकमात्र विशेषाधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में इनका कोई स्थान नहीं है।
इससे पहले दिन में ट्विटर ने कहा था, हमारी सर्विस पब्लिक बातचीत और कोरोना महामारी में लोगों के सपोर्ट के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। अपनी सर्विस को जारी रखने के लिए हम भारत में नए लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेंगे। लेकिन, जैसा हम दुनियाभर में करते हैं वैसे ही हम यहां भी ट्रांसपेरेंसी पर फोकस रखेंगे।
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