वन चाइल्ड पॉलिसी हिंदू संस्कृति की कब्र में आखिरी कील साबित होगी
- आज ज्यादातर हिंदू सिर्फ एक ही बच्चा पैदा करता है… अगर पहला बच्चा लड़की हुआ तब ही वो दो बच्चे पैदा करता है इस उम्मीद में कि शायद दूसरा बच्चा बेटा हो जाए
- अब ज़रा ध्यान से सोचो… जब तुम्हारे एक ही बेटा होगा तो क्या तुम अपने बेटे को आर्मी में बॉर्डर पर लड़ने के लिए भेजोगे ? क्यों भेजोगे क्योंकि तुम्हें हमेशा ये डर लगेगा कि एक ही बच्चा है कहीं मर गया तो बुढ़ापे का सहारा कौन बनेगा ?
- एक और बात ध्यान दो… मान लो पड़ोस में कुछ दंगाई आ गए और मोहल्ले में तुम्हारी और सबकी कारों को जलाने लगे तो क्या तुम कभी अपने एक बेटे को कमरे के बाहर निकाल पाओगे… नहीं निकाल पाओगे… तुम अपने एकलौते बच्चे को बचपन से ही नामर्दानगी की ट्रेनिंग दोगे कि बेटा दंगे फ़साद में उलझना नहीं है… जान बचाकर आ जाना…
- अब तुम ये सोच रहे हो कि तुम अपने एकलौते बेटे को पढ़ा लिखाकर साहब बना दोगे… तो ऐसा भी नहीं होगा क्योंकि जिहादी पांच पांच बच्चे पैदा करके भले ही पंचर की दुकान पर अपने बच्चों को बैठा दे लेकिन वो अपनी वोट की ताक़त से सरकार में सत्ता हासिल कर लेंगे और फिर वहां इस तरह के नियम कानून बनवाएँगे जिससे तुम्हारा इकलौता बेटा बेरोज़गार रहेगा और उसके जिहादी बेटे थोड़ा बहुत पढ़ लिखकर भी आसानी से नौकरी पा लेंगे
- इस बात पर तुमको विश्वास नहीं हो रहा होगा तो अभी बंगाल का ताज़ा उदाहरण देख लो । बंगाल में जो आरक्षण Obc और दलितों को दिया जाना चाहिए वो मुसलमानों को Obc कैटेगरी में डालकर दे दिया गया है अब बंगाल का भद्र हिंदू मुंह ताक रहा है और मुसलमान मदरसे में पढ़कर भी दनादन व्हाइट कॉलर नौकरियाँ प्राप्त कर रहा है । Obc वाली बात गूगल पर सर्च कर लेना… बंगाल चुनाव के वक्त जब वरिष्ठ पत्रकारों ने ममता के मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर प्रकाश डाला तो उसमें ये बात भी शामिल थी ।
- तुमको नौकरी नहीं छोकरी भी नहीं मिलेगी… मतलब धीरे धीरे स्थितियाँ ऐसी होती जाएँगी कि तुम्हारे लोगों के लिए शादियाँ भी मुश्किल होंगी क्योंकि मुस्लिम अपनी लड़कियों को हमेशा घरों में ही रखते हैं… हिंदू अपनी लड़कियों को कामकाज नौकरी के लिए बाहर भेजते हैं.. ऐसे में जब व्हाइट कॉलर मुसलमान और हिंदू लड़कियाँ एक ही जगह पर नौकरियाँ करेंगी तो लव जिहाद होगा । क्योंकि मुस्लिमों को बहुविवाह की आजादी है तो उनके यहां की सारी लड़कियाँ पहले ही मुसलमानों के द्वारा ब्याह ली जाएँगी और उनको जो लड़कियों की कमी होगी वो हिंदू लड़कियों से ही पूरी होगी
- अब इस बात पर भी तुमको बिलकुल भरोसा नहीं हो रहा होगा… तो तुमको एग्जांपल देकर समझा देते हैं… पाकिस्तान में हिंदू लड़कियाँ जवान होते ही मुसलमानों के द्वारा उड़ा ली जाती हैं इसलिए अब वहां के हिंदू युवक बिना शादी किए ही ज़िंदगी गुज़ारते हैं… यानी आज नहीं तो कल मुस्लिम बहुल इलाकों में इस तरह की समस्याओं से हिंदुओं को जूझना ही पड़ेगा ये निश्चित जान लो
- भारत का हिंदू इस वक्त तीन फ्रंट पर युद्ध लड़ रहा है… पहला पाकिस्तान.. दूसरा चीन और तीसरा… देश के अंदर जिहादी फ़ोर्स और गद्दार हिंदुओं का गठजोड़ । भारत के इस्लामीकरण और भारत के बीच सिर्फ और सिर्फ एक ही रुकावट है और वो है भारत की आर्मी जिस पर अभी जिहादियों को नियंत्रण नहीं हुआ है लेकिन अगर भारत में कभी घरेलू हिंसा बढ़ी और हिंदुओं का दमन शुरू हुआ तो बॉर्डर पर पाकिस्तान और चीन पहले ही आर्मी को इंगेज कर लेंगे इस तरह जिहादियों के वार से तुम अपनी रक्षा भी नहीं कर पाओगे ।
- रक्षा खुद भी कर पाते अगर कम से कम दो तीन बेटे पैदा किये हुए होते.. लेकिन इकलौते बेटे पैदा करने वाला समाज निश्चित तौर पर गुलाम होगा… ये आज लिखकर ले लो… हम से
- इसीलिए अगर बचना चाहते हो तो माताओं… बहनों कम से कम दो बेटे जरूर पैदा करो… स्त्रीवादी बुरा ना मानें कडवा सच तो यही है कि महिला सशक्तीकरण के तमाम दावों के बाद भी आज भी बॉर्डर पर पहरा पुरुष ही देते हैं । इसलिए वो अपना फ़र्ज़ निभाएँ… कम से कम दो बेटे पैदा करें… बाक़ी फर्ज भारत माँ के बेटे निभा लेंगे
- कभी सोचा है कि हिंदू एक बच्चा क्यों पैदा करना चाहता है ? इसके पीछे उसका स्वार्थ है…. वो निजी सुख सुविधाएं और भोग विलास चाहता है… उसे राष्ट्र धर्म से कोई लेना देना नहीं है.. ऐसी स्वार्थी कौम को कोई वैसे भी नहीं बचा सकता है
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