पूरे देश में कोरोना के चलते हाहाकार मचा हुआ है मगर कुछ लोग हैं जो जलती हुई चिताओं पर भी बेशर्म राजनीति कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत दिल्ली के गाजीपुर में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रहे हैं, उनकी इफ्तार पार्टी में न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और ना ही कोरोनावायरस के दूसरे प्रोटोकॉल का।
दिल्ली के गाजीपुर में सड़क जाम कर यह लोग बैठे हुए हैं और इसके चलते दिल्ली को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई 2 घंटे देरी से मिल रही है । एंबुलेंस को दिल्ली और गाजियाबाद के बीच सफर करने में कई घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है। मगर मोटी चमड़ी के इन नेताओं को शर्म नहीं आती है।
आखिर देश की सरकारों की आंखें बंद हैं क्या? जो राकेश टिकैत जैसे लोग कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाने के बावजूद अपनी राजनीति चमका रहे हैं। आखिर इस देश का कानून अस्पताल में मर रहे उन लोगों के लिए ही हर जिन्हें न दवाई मिल रही है और न ही अस्पताल में बेड। सत्ता की खोखली बैसाखी को जकड़ कर जड़बुद्धि हो चुके हमारे सियासी सूरमाओं को समझना चाहिए कि तिल तिल कर पीस रही है ये जनता बेशक सड़क पर आपके खिलाफ आवाज नहीं उठाती है मगर आसमान की तरफ मुंह करके चंद शब्द रोज बुदबुदाती है जिसे बद्दुआ कहते हैं।
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