(ब्रिज भूषण किशोर जी द्वारा लिखित फ़ैज़ खान का परिचय )

अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों जगह मंदिर बनना चाहिए : फ़ैज़ खान

आतंकी बाबर का प्रतीक बाबरी ढांचा गिराया जाना जरूरी था : फ़ैज़ खान

लगभग 5 लाख मुस्लिमों को गौ रक्षा जैसे मुद्दे से जोड़ चुके हैं फ़ैज़ खान

राम कथा वाचक भी हैं फ़ैज़ खान

फ़ैज़ खान राम जन्मभूमि जॉएँगे या नहीं ये निर्णय जन्मभूमि ट्रस्ट करेगा लेकिन आइये जानते है कि हैं कौन ये राम नाम जपने वाला मुसलमान फ़ैज़ खान :

छत्तीसगढ़ के चंदखुरी के गांव से मिट्टी लेकर 750 किमी पैदल चलकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण से जुड़ने का लक्ष्य लेकर एक मुस्लिम निकल चुका हैं। नाम हैं फ़ैज़ खान। फ़ैज़ खान की राम भक्ति ने कई सवाल भी खड़े किए हैं। आइये जानते हैं कौन है ये राम भक्त मुस्लिम फ़ैज़ खान

अभी एक व्यापक बहस देश में चल रही है कि एक मुसलमान राममंदिर के लिए मिट्टी माँ कौशल्या के मायके यानी रामजी के ननिहाल से लाकर भूमिपूजन में डालने वाला है। यह भूमि पूजन अपवित्र हो जाएगा। जब राम मंदिर के लिए संघर्ष हो रही थी तो ये फ़ैज़ खान कहाँ था?? आदि आदि बातें चल रही है।

हिन्दुत्व का नकाब पहने हुए घोर हिन्दू विरोधी स्वामी प्रमोद कृष्णन और स्वामी स्वरूपानंद जैसे कालनेमियों से तो मुस्लिम फ़ैज़ भाई लाख अच्छा है।


यदि कोई रहीम रसखान भगवान श्री कृष्ण को अपने आत्मा में बसाता है तो हम सभी हिन्दू आदर और सम्मान से रहीम रसखान साहब का नाम लेते है, तो यदि मोहम्मद फ़ैज़ खान के आदर्श भगवान श्री राम हो तो दिक्कत ही क्या है। फिर उम्र के हिसाब से देखा जाय तो कार सेवा के दौरान शायद फ़ैज़ भाई पढ़ाई कर रहे होंगे उनकी उम्र 12 वर्ष की रही होगी।


फ़ैज़ भाई की उत्पत्ति कोई सहज नहीं हुई है। बचपन से सरस्वती शिशुमन्दिर के संस्कार,दैनिक संघ शाखा और सतत संघ के प्रचारको का सानिध्य ने उन्हें एक राष्ट्रवादी मुसलमान बनाया है। 14000 km पैदल भारत परिक्रमा कर देश के सामाजिक तंत्र का अच्छा अध्यन किया है।

बाबरी मस्जिद को गिराने को लेकर फ़ैज़ खान ने खुलकर बयान दिया हैं। “बाबर एक लुटेरा हमलावर था जिसने मंदिर को तोड़ा। ऐसे लुटेरे हमलावर के प्रतीक बाबरी मस्जिद को हटाया जाना जरूरी था” : फ़ैज़ खान

जून 24, 2017 से जनवरी 3, 2020 तक फ़ैज़ खान ने 15000 किमी की पदयात्रा की कन्याकुमारी से लेह और वैष्णोदेवी तक । गौ रक्षा के लिए लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से फ़ैज़ खान ने ये पदयात्रा की


हिन्दू हो या मुसलमान यदि किसी को हिन्दू शब्द ही स्पष्ट व्याख्या/परिभाष मालूम होगा तो ऐसे संकीर्ण प्रश्न मन में कभी नहीं आ सकता है।सच भी है और सुप्रीम कोर्ट के जज श्री मोहम्मद करीम छागला नें दसको पहले निर्णय भी दिया था कि ” हिन्दू धर्म नहीं, बल्कि उद्दात जीवन दर्शन का नाम है”


फ़ैज़ खान गौ माता के प्रति अगाध श्रद्धा रखते हैं, देश के मान सम्मान में, हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए अपना जान को हथेली पर रखकर जीते आ रहा है तो इससे श्रेष्ठ बात क्या हो सकती है?


आप सबके जानकारी के लिए बता दूँ की फ़ैज़ खान अविवाहित प्रचारक है जिसके ऊपर राष्ट्रवादी मुसलमानों को ” मुस्लिम राष्टीय मंच” के माध्यम से संगठित करने की जिम्मेदारी है

अनेको पढ़े लिखे प्रगतिशील मुस्लिम भाई फ़ैज़ खान के साथ है। श्री मोहम्मद अज़ाल भाई, डॉक्टर श्री इमरान चौधरी,एडवोकेट शीराज़ कुरैशी, श्री शाहिद अख्तर, रेशमा हुसैन आदि अनेको पढ़े लिखे लोग प्रमुख है जो दिन रात भारत माता को परम वैभव के स्थिति पर पहुचाने के लिए काम कर रहे है।

फ़ैज़ खान ने खुलकर कहा कि भारत मे सऊदी अरब से भी ज्यादा मस्जिदें हैं। ये सबसे बड़ा सबूत हैं हिन्दू कितने सहिष्णु और खुली दिल के होते हैं। फ़ैज़ खान का कहना हैं कि अयोध्या के साथ ही मथुरा और काशी में भी हिन्दू मंदिर बनना चाहिए, और तीनों जगह मुसलिम समाज को खुद आगे आकर ये भूमि हिंदुओ को सौंप देनी चाहिएं ।

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