कम्युनिस्ट और कट्टरपंथ का एजेंडा चलाने वाली एक्टिविस्ट राना अय्यूब अब खुद कानून के कटघरे में आ गई हैं। राना अय्यूब ने गरीबों की मदद के नाम पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा रुपया जुटाया और उसे अपने पिता और बहन के खातों में ट्रांसफर कर दिया.. यह वही राना अय्यूब है जो ट्विटर पर सरेआम कट्टरपंथ के विष को पनपाती हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक्टिविस्ट राणा अय्यूब की 1.77 करोड़ रुपए से अधिक की राशि कुर्क की है। आरोप है कि अय्यूब ने क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म केटो के जरिए राहत कार्य के लिए जुटाए गए दान को निजी खर्चों के लिए इस्तेमाल किया। 

एजेंसी ने जांच के दौरान पाया कि अय्यूब न केवल राहत कार्य पर खर्च का दावा करने के लिए कुछ संस्थाओं के नाम पर फर्जी बिल तैयार किया है, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुटाए गए फंड से 50 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट भी की है।

गाजियाबाद पुलिस की ओर से पहली FIR के आधार पर पिछले साल सितंबर में अय्यूब के खिलाफ जांच शुरू की गई थी, जिसमें शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन ने उन पर अवैध रूप से सार्वजनिक धन प्राप्त करने का आरोप लगाया था। 

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