राणा अय्यूब के बारे में ये बताने की जरुरत नहीं है कि वो एक मानसिक ज़हर से भरी हुई कथाकथित पत्रकार हैं। भारत में उनकी प्रो इस्लाम पत्रकारिता से देश के हिन्दू अच्छी तरह से वाकिफ हैं। अपना नैरेटिव सेट करने वाले फर्जी खबरों और आतंकियों के समर्थन वाले ट्वीट को लेकर आये दिन उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद एक बार फिर वो नेटिजन्स के निशाने पर आ गई हैं.
दरअसल जिस तरह से हिंसा में शामिल लोगों की पुलिस की तरफ से धुनाई का वीडियो वायरल हुआ ठीक वैसे ही इनके अंदर की दया इन पत्थरबाजों के लिए सामने आने लगी. ट्वीटर के जरिये एक तरफ आफरीन फातिमा के लिए आवाज उठाने लगी तो दूसरी तरफ रांची में हिंसक प्रदर्शन के दौरान मारे गए कैफी और मोहम्मद साहिल के परिवार के लिए इंसाफ की मांग कर रही हैं.
Mudassir and Sahil, two teenagers shot dead by the police for stepping out to protest against the anti-Muslim hate. The world stood in outrage when George Floyd was killed. Will Indian public figures speak up for justice or hide in that shameful privileged ratholes. #Spineless
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) June 11, 2022
दरअसल राणा अयूब उन लोगों में शामिल हैं जो दूसरों की लाश पर अपना एजेंडा चलाती हैं इन्हें किसी की मौत से कोई मतलब नहीं है. ये तो वो हैं जो किसी की मौत पर दुआ पढ़ कर अपनी मौज पर निकल जाते हैं. इनका काम सिर्फ ट्वीटर पर ये दिखाना होता है कि कैसे भारत का मुसलमान असुरक्षित है, डरा हुआ है . मुस्लिम समाज के लोग भारत में सांस नहीं ले सकते . लेकिन ये सब बात सिर्फ ट्वीटर पर है असल में तो उन्हें टेंशन के दौरान स्वीमिंग पूल में चिल करना बेहद पसंद है . जिसकी तस्वीर उन्होंने दूसरे सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाली भी हुई है .
Twitter life vs Insta life.
Tip – check the timings of posts. pic.twitter.com/4nnl8wyBtK
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) June 13, 2022
साभार-ट्वीटर
इसी बीच ट्वीटर पर एक्टिव रहने वाले लोगों ने राणा अयूब की क्लास लेने के साथ ही उन शांतिप्रिय समुदाय के लोगों की भी आंखें खोलने की कोशिश की जो राणा अयूब जैसे घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों के बहकावे में आ जाते हैं. एक ने लिखा कि “मेरे प्यारे मुसलमान भाइयों यह लोग आपके बच्चों को भड़का कर सड़क पर भेजेंगे और उनकी मौत पर दुआ पढ़ कर अपनी मौज पर निकल जाएंगे। आपको इनकी बातों में आ कर क्या मिला? आपका तो बच्चा भी गया।”
मेरे प्यारे मुसलमान भाइयों
यह लोग आपके बच्चो को भड़का कर सड़क पर भेजेंगे और उनकी मौत पर दुआ पढ़ कर अपनी मौज पर निकल जाएंगे। आपको इनकी बातों में आ कर क्या मिला? आपका तो बच्चा भी गया। pic.twitter.com/Kf84r33VtC— Zaffar 🇮🇳 (@Zaffar_Nama) June 12, 2022
दरअसल रांची में पत्थरबाजी के दौरान मारे गए दो मुस्लिम युवकों को लेकर राणा अयूब ने कई ट्वीटस किये हैं जिसमें उन्होंने कहा कि ये युवा मुस्लिम विरोधी नफरत के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें गोली मार दी. राणा अयूब जैसे लोगों ने हिंसा के बाद इन दंगाईयों पर हुई कार्रवाई को लेकर विक्टिम कार्ड खेलना शुरू किया है और जिन्होंने हाथों में पत्थर उठाएं , सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, पुलिस वालों पर पत्थर फेंके उसे लेकर तो इन्होंने कहीं एक शब्द भी नहीं बोला. मतलब इनका पत्थर उठाना जायज. हमारा इनके पत्थरों के घरों पर बुलडोजर चलाना गलत !
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